दिल्ली। सीबीआई में सोमवार को एक गजब की कार्यवाही हुई, जो कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई। सीबीआई ने अपने ही ऑफिस में छापा डालकर अफसर को गिरफ्तार कर लिया है। डिप्टी एसपी रैंक के देवेन्द्र कुमार पर दस्तावेजों में हेराफेरी तथा भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
हालांकि आज मंगलवार को यह अपडेट है कि डीएसएपी देवेन्द्र कुमार ने दिल्ली हाइकोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दायर की है, जिसकी दोपहर में सुनवाई होगी। डिप्टी एसपी रैंक के देवेंद्र कुमार पर आरोप है कि उसने दस्तावेजों में हेराफेरी की जिसके आधार पर स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना ने अपने ही डायरेक्टर आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़ दिए।
सीबीआई में मचे इसे हंगामे से पीएमओ को भी हरकत में आना पड़ा। पीएमओ ने डायरेक्टर आलोक वर्मा और दूसरे नंबर के अधिकारी स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को तलब किया है। दोनों ने एक दूसरे पर करोड़ों रुपए की घूस के आरोप लगाए हैं। बताया जा रहा है कि मोइन कुरैशी के खिलाफ चल रही जांच में आरोपी हैदराबाद के कारोबारी साना सतीश बाबू ने सीबीआई की कार्रवाई से बचने के लिए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा को दो करोड़ रुपये की घूस दी थी। 20 फरवरी को सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने टेलीफोन पर साना सतीश बाबू की जांच न करने का निर्देश दिया था।
खुफिया एजेंसियों ने सीबीआई डायरेक्टर को सूचित किया था कि सीबीआई केस का सामना करने वाले दो कारोबारी सेंट किट्स की नागरिकता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एजेंसी ने उनके पासपोर्ट रद्द करने या लुक आउट नोटिस जारी करने जैसी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. इनमें से एक कारोबारी कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में नामित है, जबकि दूसरे के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है।











