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आबकारी विभाग द्वारा जारी शराब लाइसेंस के नए बंदोबस्त के प्रति लोग काफी रुचि दिखा रहे हैं। इस बार धरोहर राशि समाप्त करने से ज्यादा आवेदन आने की उम्मीद है। विभाग के सर्वर पर ऑनलाइन आवेदन मिलने में संख्या बढ़ गई है। इस बार शराब लाइसेंस के आवेदन में अर्नेस्ट मनी समाप्त करने से आवेदकों की राह आसान हो गई है।
लंबे समय से शराब कारोबार में जुड़े लोग तो जमकर आवेदन कर ही रहे हैं साथ ही साथ नए लोग भी 28000 में आवेदन कर एक लॉटरी की तरह भाग्य आजमाने का प्रयास कर रहे हैं। 26 फरवरी रात्रि 12 बजे तक आवेदन जमा हो सकेंगे ऐसे में आज से अचानक आवेदनों की संख्या में तेजी आ गई है।
उम्मीद की जा रही है पिछले वर्ष के 5 लाख 34 हजार आवेदन के आंकड़े को इस बार रिकॉर्ड के साथ पार कर लिया जाएगा। खुद आबकारी आयुक्त सोमनाथ मिश्रा लगातार पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस बार जयपुर शहर के लिए लाइसेंस फीस भी 2 लाख 40 हजार घटाकर 30 लाख कर दी गई है साथ ही सस्ती अंग्रेजी शराब के तौर पर अब सस्ता सेगमेंट देसी मदिरा की दुकान पर भी टेट्रा पैक में उपलब्ध होगा।
आबकारी विभाग 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष के लिए शराब लाइसेंस लॉटरी से आवंटित किए जाएंगे। 5 मार्च को जिला मुख्यालयों पर लाइसेंस के लिए लॉटरी निकाली जाएगी। अंग्रेजी शराब के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस का 20 फ़ीसदी और देशी मदिरा के लिए विशेषाधिकार राशि का 16 फीसदी शुल्क जमा कराना होगा। जयपुर और जोधपुर के लिए 30 लाख रुपए वार्षिक राशि तय की गई है जबकि अन्य संभागीय मुख्यालय और माउंट आबू व जैसलमेर के लिए लाइसेंस की फीस 25 लाख रखी गई है।
लॉटरी के बाद सफल आवेदकों को 28 फरवरी तक लाइसेंसी को पूरी राशि जमा करानी होगी इसी तरह से देशी शराब के लाइसेंस शुल्क में 15 फ़ीसदी की वृद्धि की गई है। देशी शराब के लाइसेंस प्राप्त करने वाले को 1 अप्रैल से पहले एकाकी विशेषाधिकार राशि के बेटे 18 प्रतिशत राशि जमा करानी होगी। आबकारी आयुक्त सोमनाथ मिश्र ने बताया कि पिछले बार 2 वर्ष के लिए बंदोबस्त किया गया था ऐसे में इस वर्ष लाइसेंस का नए सिरे से लॉटरी से आवंटन किया जाएगा। आवेदन के लिए लाइसेंसी को संबंधित जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन फार्म जमा कराना होगा। भांग लाइसेंसों के लिए इस बार 6 फ़ीसदी लाइसेंस फीस में वृद्धि की गई है 8 फरवरी के बाद आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस बार आवेदन के साथ धरोहर राशि का प्रावधान समाप्त करने से रिकॉर्ड आवेदन आने की संभावना है।
उम्मीद की जा रही है कि आवेदन से आबकारी विभाग को 800 करोड़ रुपए से ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा। माना जा रहा है कि 26 फरवरी तक अंग्रेजी व देशी शराब के लाइसेंसों के लिए राजस्थान और राजस्थान के बाहर से लाखों की संख्या में आवेदन आएंगे। इसलिए प्रत्येक जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय पर हार्ड कॉपी जमा कराने के लिए विशेष काउंटर लगाए जाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।