सोशल मीडिया पर हलचल
11 विधानसभा और चार लोकसभा सीटों पर हुए हालिया उपचुनावों में भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. गुरुवार को आए नतीजों में भाजपा इनमें से केवल दो सीटें ही जीत सकी. इनमें एक सीट लोकसभा की है और एक विधानसभा की. सोशल मीडिया पर आज सुबह से इन चुनाव नतीजों की चर्चा है और ट्विटर पर bypoll ट्रेंडिंग टॉपिक में शामिल हुआ है.
सोशल मीडिया में इन नतीजों की लोगों ने अपने-अपने अंदाज में व्याख्या की है. स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव का ट्वीट है, ‘सामान्य तौर पर भारत में सत्ताधारी पार्टी को उपचुनाव में जीत मिलती है; लेकिन जब सत्ताधारी दल अपने कब्जे वाली कोई सीट हारता है तो इससे एक गौर करने लायक रुझान दिखता है. क्या महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार के नतीजे मोदी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर शुरू होने के संकेत हैं?’
इन उपचुनावों में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोक सभा सीट पर पूरे देश की निगाहें थीं और यहां भी भाजपा को हार मिली है. सोशल मीडिया में अलग से इसकी खूब चर्चा हुई है. वरिष्ठ पत्रकार हरिंदर बावेजा का ट्वीट है, ‘भाजपा कैराना में (2014 का लोक सभा चुनाव) 2.40 लाख वोटों से जीती थी. यह अंतर गंवा देना बहुत बड़ी हार है.’ इस लोक सभा सीट पर वोटिंग के एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रोड-शो करते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया था और कैराना से सटे बागपत में रैली की थी. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक मोदी का यह आयोजन उपचुनाव में मतदाताओं को रिझाने की कवायद थी. सोशल मीडिया में आज इस आयोजन का जिक्र करते हुए लोगों ने भाजपा और मोदी पर खूब तंज कसे हैं. एक यूज़र की चुटकी है, ‘मोदी ने दस प्रतिशत बने एक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करके लोगों को उल्लू बनाने की कोशिश की थी! अब ये लोग खुश हैं कि इन्होंने कैराना में भाजपा को उल्लू बना दिया.’
हालिया उपचुनावों के आज आए नतीजों पर सोशल मीडिया में आई कुछ और प्रतिक्रियाएं :
राजदीप सरदेसाई | @sardesairajdeep
उपचुनावों का सबसे बड़ा निष्कर्ष : आईओयू (इंडेक्स ऑफ अपोज़ीशन यूनिटी यानी विपक्षी एकता का सूचकांक) नतीजों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है… भाजपा पालघर में जीती जहां विपक्ष बंटा हुआ था, लेकिन दूसरे इलाकों में आईओयू ने भाजपा को हरा दिया…
प्रियंका पाटिल | @MissFurioso
भक्त (भाजपा समर्थक) उपचुनाव के नतीजों के बाद
ध्यानेंद्र सिंह चौहान | facebook/dhyanendra.singh.77
बसपा की तरह अब भाजपा को भी उपचुनावों से कन्नी काट लेनी चाहिए …( क्योंकि मिलनी हार ही है)
चेतन भगत | @chetan_bhagat
भाजपा चार में से एक लोकसभा और 11 में से एक विधानसभा सीट पर चुनाव जीती है. यह पेट्रोल की कीमत में एक पैसा घटाने जैसा ही भद्दा मजाक है.
स्वाति सिंह | @swatisingh1995
लोग अक्सर पूछते हैं, ‘नरेंद्र मोदी का विकल्प आखिर कौन है?’ उपचुनाव के नतीजों ने इसका जवाब दे दिया है – ‘भारत के लोग विकल्प हैं’… बाय-बाय बीजेपी.
भास्कर | @inclusivemind
‘ये बाइपोल तो बाय-बाय बीजेपी हो गए हैं!’
(साभार : सत्याग्रह.कॉम, 31 मई, 2018)











