जयपुर। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से विभिन्न विशिष्टताओं में सेवारत कोटे से पीजी, डिग्री या डिप्लोमा पूर्ण करने वाले चिकित्सकों को अपने पदस्थापन चिकित्सा संस्थानों पर 8 अगस्त तक आवश्यक रूप से ड्यूटी ज्वाइन करने के निर्देश दिये गये हैं। इस अवधि में ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने वाले चिकित्सकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. वीके माथुर ने बताया कि सेवारत कोटे से पीजी अथवा डिप्लोमा करने के उपरांत 27 जुलाई 2018 को इन चिकित्सकों का नवीन पदस्थापन किया गया था। उन्हाेंने बताया कि 8 अगस्त 2018 तक कार्यग्रहण नहीं करने वाले चिकित्सकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए बॉड राशि की वसूली की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा की जायेगी। इसके साथ ही ऎसे चिकित्सकों का राजस्थान मेडिकल कौंसिल से पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही भी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 एवं पूर्व वर्षाें में सेवारत कोटे से पीजी डिग्री/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों ने कार्यग्रहण नहीं किया है, उनके विरूद्ध अनुशानात्मक कार्यवाही एवं बॉड राशि की वसूली की कार्यवाही आरंभ कर दी गयी है।