परहित सरिस धर्म नहीं भाई….अनुकरणीय उदाहरण

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उक्त पंक्तियों को जीने का प्रमाण दिया है बीकानेर के 85 वर्षीय बुजुर्ग नर्बदेश्वर शर्मा ने। केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए उन्होंने अपनी पेंशन में से 11000 रुपए राहत कोश में दिए हैंं। खास बात ये है कि खुद उनकी माली हालत कोई खास अच्छी नही है, उनका बेटा मैकेनिक है, लेकिन वो भी अपने पिता के इस जज्बे से प्रभावित है।

ये 85 वर्षीय नर्बदेश्वर आज जब सीढ़िया चढ़कर अतिरिक्त जिला कलक्टर एएच गौरी के पास पहुँचे तो गौरी ने उनकी मंशा जान कर डिमांड ड्राफ्ट बनवाने में खुद उनकी मदद की। गौरी ने कहा कि उनके 11 हजार 11 लाख के बराबर है, क्योंकि कमजोर आर्थिक हालात के बावजूद इस उम्र में उनकी परहित की सोच वाकई अनुकरणीय है।

और ये भी कि शर्मा मीडिया में प्रचार भी नहीं चाहते। उन्हें जैसे तैसे मीडिया के मुखातिब होने को इसलिए तैयार किया कि दूसरे लोग भी उनसेेेे प्रेरित हो सके। वे कहते हैंं कि हमें थोड़ा कम खा कर भी उन आपदा पीड़ित भाई-बंधुओं की मदद करनी चाहिए, क्यों कि वे हमसे ज्यादा विपदा में है…

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