जाम्भोजी के सिद्धांतों की पालना से ही पर्यावरण संरक्षण संभव

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गुरु जम्भेश्वर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

बीकानेरगंगासिंह विश्वविद्यालय एवं जाम्भाणी साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न हुई।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विजय विश्नोई, विशिष्ट अतिथि अलवर के अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक देवेन्द्रकुमार विश्नोई थे, अध्यक्षता कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने की। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता आचार्य कृष्णानन्द थे।

संगोष्ठी का संचालन करते हुए आयोजन सचिव डाॅ. इन्द्रा विश्नोई ने अतिथियों का परिचय कराया। संगोष्ठी निदेशक प्रो. एसके अग्रवाल ने विषय प्रवर्तन किया। विशिष्ट अतिथि देवेन्द्र विश्नोई ने विश्नोई समाज की उपलब्धियों एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति योगदान के बारे में अवगत कराया।

मुख्य वक्ता आचार्य कृष्णानन्द ने कहा कि हवन के कण-कण में एक विशेष शक्ति होती है। उन्होेंने पानी, शील और संतोष के सिद्धान्त को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन के लिये कुछ नियमों को अपनाने की आवश्यकता होती है जो कि विश्नोई समाज में देखने को मिलती है।

मुख्य अतिथि न्यायाधिपति विजय विश्नोई ने कहा कि मनुष्य को गुरु जांभोजी द्वारा दिए गए सिद्धांतो का पालन करना चाहिए। विश्नोई ने कहा कि आज दुनिया भर में जांभोजी के सिद्धान्तों का अनुसरण किया जा रहा है जिससे पर्यावरण संरक्षण में भारी सफलता मिली है।
कुलपति भगीरथ सिंह ने कहा कि गंगासिंह विश्वविद्यालय इस प्रकार की संगोष्ठी के आयोजन से समाज को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहता है। डाॅ. अनिला पुरोहित ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि संवित सोमगिरि एवं विशिष्ट अतिथि समाजसेवी राजाराम धारणिया थे। समाजसेवी राजाराम धारणिया ने पर्यावरण संरक्षण हेतु पूरे विश्वविद्यालय परिसर को हरा भरा बनाने में पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की। समापन सत्र का संचालन डाॅ. बनवारी लाल सहू ने किया।

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