बीकानेर। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में गुरुवार को जीएसटी, पीएफ एमएस का संचालन, जैम पर खरीद एवं जनजातीय उपयोजना का कार्यान्वयन विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अतिथि वक्ता के तौर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के निदेशक (वित्त) देवेन्द्रकुमार तथा सहायक महानिदेशक डॉ. एके वशिष्ठ उपस्थित रहे।
दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में परिषद के निदेशक (वित्त) एवं नोडल ऑफिसर देवेन्द्रकुमार ने उल्लेखित विषयों पर व्याख्यान में बताया कि सुचारू व्यवस्था हेतु नियम संगत जानकारी संबंधित की भीतरी क्षमता को शतप्रतिशत उजागर करने में जहां सहायक होती है वहीं श्रेष्ठ प्रबंधन हेतु अतिआवश्यक पहलू भी है।
‘जनजातीय उपयोजना का कार्यान्वयन‘ विषयक दूसरे व्याख्यान में डॉ. वशिष्ठ ने जनजातीय उपयोजना (टीएसपी) के तहत आवंटित बजट की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत निष्पादित गतिविधियों का ज्यादा से ज्यादा लाभ (आउटपुट) टीएसपी क्षेत्रों को मिलने से इस उपयोजना का प्रयोजन सिद्ध हो सकेगा।
दोनों व्याख्यानों के बाद विचार-सत्र में केन्द्र एवं बीकानेर स्थित परिषद के वैज्ञानिकों व प्रशासनिक अधिकारियों ने विषय संबंधी अपनी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
केन्द्र निदेशक डॉ. एनवी पाटिल ने केन्द्र की गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर सीआईएएच के निदेशक डॉ. पीएल सरोज ने भी विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बसंती ज्योत्स्ना ने किया।











