आनंदपाल प्रकरण में आंदोलन के मुक़दमों को लेकर सरकार रिव्यु का मन बना रही है और इस पर खासी गम्भीर भी है। दरअसल गैंगस्टर आनंदपाल के एनकाउंटर को जातिगत रंग दे दिया गया था जिसके बाद से ही राजपूतों की नाराजगी की बात कही जा रही थी। हालांकि राजपूतो का एक वर्ग प्रकरण को लेकर लगातार सरकार के सम्पर्क में है।
इस वर्ग के नेताओं की कोशिश है कि आनंदपाल प्रकरण में आंदोलन के दौरान हुए सैकड़ोंं लोगों पर मुक़दमोंं को लेकर सरकार गम्भीरता से विचार करें।
सरकार भी राजपूत नेताओं की बात पर सहमत नजर आ रही है। इसी के तहत पर्यटन भवन में गुरुवार को एक बैठक धरोहर संरक्षण व प्रौन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत की अध्यक्षता में हुई।
इस बैठक में भाजपा नेता राजेन्द्रसिंह भिंयाड़ व जगदीशसिंह लाडनूंं भी मौजूद रहे। सरकार की 24 मुकदमों में रिव्यू की मंशा है। इनमें से गम्भीर प्रकृति के मुदकमों पर कानूनी राय ली जाएगी। पिछले कुछ महीनों से भाजपा में सक्रिय नजर आ रहे युवा राजपूत नेता राजेन्द्रसिंह भियाड़ ने कहा कि सरकार की कोशिशों से समाज में विश्वास बना है, जरूरत है इस पर जल्द से जल्द अमल हो, आखिर ये युवाओं के भविष्य से जुड़ा मसला है। हिंसक आंदोलन कोई नहीं चाहता कई बार परिस्थितियों के चलते ऐसी घटनाएं घट जाती है ।











