नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक (इंस्टैंट ट्रिपल तलाक) पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। संसद के मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हंगामे और राजनीतिक सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक पर संशोधन बिल पास नहीं हो सका था।
मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें ज़मानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाज़त से समझौते का प्रावधन भी होगा. अब इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. वहीं पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में कहा था कि तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है। तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं।
प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों पर कटाक्ष करते हुए कहा, लेकिन कुछ लोग इसे पारित नहीं होने देना चाहते थे। राज्यसभा में मानसून सत्र के अंतिम दिन तीन तलाक विधेयक पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।