बीकानेर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के तत्वावधान में गुरु वंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में डाॅ. रजनीरमण झा ने विषय प्रवर्तन करते हुए गुरु शब्द की विस्तृत व्याख्या की। रूक्टा राष्ट्रीय के प्रांतीय अध्यक्ष डाॅ दिग्विजयसिंह ने बताया कि प्राचीन गुरुकुल परंपरा में गुरु, शिष्य को न केवल पढ़ाता था अपितु उसमें संस्कारों का भी समावेश करता था। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्राचार्य, डूंगर महाविद्यालय डाॅ. बेला भनोत ने कहा कि शिक्षक की भूमिका मां की तरह है और मां को ही प्रथम गुरु कहा गया है।
प्राचार्य डाॅ उमाकांत गुप्त ने विभिन्न कथाओं के माध्यम से गुरु के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ बबीता जैन ने एवं आभार डाॅ हेमेन्द्र अरोड़ा ने जताया।











