रेल मंत्रालय ने डिजिटल लॉकर से वैध पहचान प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत किये जाने वाले आधार और ड्राइविंग लाइसेंस की समीक्षा कर यह निर्णय लिया है कि यात्री अपने डिजिटल लॉकर एकाउंट के ‘जारी दस्तावेज’ से आधार/ ड्राइविंग लाइसेंस दिखाते हैं तो इन पहचानों को वैध माना जाएगा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यूजर द्वारा ‘अपलोडेड डॉक्यूमेंट’ के दस्तावेज पहचान के वैध प्रमाण नहीं माने जायेंगे।
फिलहाल भारतीय रेल की किसी भी आरक्षित श्रेणी में यात्रा करने के लिए निम्नलिखित पहचान प्रमाण पत्र वैध माने गए हैं :
1.भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो युक्त पहचान पत्र
2.पासपोर्ट
3.आयकर विभाग द्वारा जारी पैनकार्ड
4.आरटीओ द्वारा जारी ड्राइविंग लाइसेंस
5.केंद्र/राज्य सरकार द्वारा जारी क्रम संख्या वाला फोटो युक्त पहचान पत्र
6.मान्यता प्राप्त स्कूल/ कॉलेज द्वारा अपने विद्यार्थियों के लिए जारी फोटो युक्त पहचान पत्र
7.फोटो के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक की पासबुक
8.लैमिनेटिड फोटो के साथ बैंकों द्वारा जारी क्रेडिट कार्ड
9.आधार, एम आधार तथा ई-आधार कार्ड
10.राज्य/ केंद्र सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान, जिला प्रशासन, पालिका प्रशासन तथा पंचायत द्वारा क्रमसंख्या के साथ जारी फोटो पहचान पत्र
11.कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) केंद्रों द्वारा बुक किये गए आरक्षित टिकटों के मामलें में शयनयान तथा द्वितीय आरक्षित सीटिंग श्रेणियों में यात्रा करने के लिए फोटो के साथ राशनकार्ड की फोटो कॉपी, फोटो के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक के पासबुक को स्वीकार किया जाएगा।











