बीकानेर। सप्तशक्ति कमान के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेन्ट जनरल चेरिश मैथसन ने कहा है कि भारतीय सेना कैसी भी स्थिति में मुकाबले के लिए तैयार है। चाहे जमीनी हो या एयर और न्यूक्लियर वार। लेफ्टिनेन्ट जनरल युद्धाभ्यास ‘विजय प्रहार’ के समापन अवसर पर बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि जम्मू से लेकर गुजरात तक के पश्चिमी फ्रंट पर पश्चिमी कमान, दक्षिणी कमान, साउथ वेस्टर्न कमान है। ये साउथ वेस्टर्न कमान पंजाब के दक्षिणी हिस्से और राजस्थान के उत्तरी भाग को दुश्मन से बचाता है। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य ये था कि दुश्मन के हार्टलैण्ड में तेजी से पहुंचे और रिएक्शन आने से पहले उसकी रणनीतियों को दबा दिया जाए।
उन्होंने जानकारी दी कि अगले पांच साल में भारतीय सेना में फाइटिंग हैलीकाप्टर, अटैक हैक्टेरस इत्यादि को शामिल कर लिया जाएगा, ताकि जमीन व हवा में एक साथ हमले की कार्यवाही की अंजाम दिया जा सके। परमाणु, जैविक और रसायनिक हमले को रोकते हुए दुश्मन पर अटैक जारी रखने की तकनीक को भी इसमें शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास में रसद, असला इत्यादि को पहुंचाने की ‘जस्ट इन टाइमÓ तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हमारी सेना अब दुश्मन के इलाके में अन्दर तक जाकर मार कर सकने में सक्षम है। इस युद्ध अभ्यास का एक उद्देश्य वायुसेना से बेहतर समन्वय स्थापित करना भी था जिसमें हम सफल हुए हैं।
6 अप्रेल से चल रहे इस युद्धाभ्यास में 25 हजार सैनिक अपने पूरे हथियारों एवं साजो-सामान के साथ शामिल हुए।











