नेहरू के निधन पर अटल बिहारी वाजपेयी_____
‘पंडितजी के जीवन में उदात्त भावों की झलक वैसी ही पाते हैं जैसी हम वाल्मीकि-गाथा में राम के जीवन में पाते हैं। नेहरू असंभव और दुरूह के साथ सामंजस्य बिठाने वाले थे। वे ना समझौते से बचते थे और ना ही विवश होकर समझौता करते थे।’










