प्रदेश के 22 जिलों में शुरू किया जा रहा है अभियान
बीकानेर। देशी गौवंश संरक्षण की दिशा में बीकानेर का पशु चिकित्सा एव पशु विज्ञान विश्वविद्यालय अब एक और नवाचार करने में जुट गया है।
प्रदेश की गोशालाओं को अब तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने के लिए वेटेनरी विश्वविद्यालय एक अभियान की शुरुआत कर रहा है। जिससे न केवल गोशालाओं का तकनीकी रूप से विकास होगा बल्कि देशी गोवंश संरक्षण की दिशा में भी बेहतर काम किया जाएगा। पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पास प्रदेश के 22 जिलों में अपने केंद्र हैं और अब विश्वविद्यालय गोशाला तकनीकी सुदृढ़ीकरण अभियान की शुरुआत कर इन केन्द्रों के माध्यम से प्रत्येक जिले की एक गोशाला को चिन्हित कर उस गोशाला को तकनीकी रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में काम करने वाला है।
न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी केवल 19 स्थानों पर गौशाला का चयन किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा का मानना है कि गोशालाओं में धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन तकनीकी ज्ञान की कमी के चलते उसकी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाते हैं। अब विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक गोशालाओं में जाकर उन्हें तकनीकी रूप से सुदृढ़ करने का कार्य करेंगे।
इस अभियान के तहत मुख्य रूप से गोशालाओं में हरे चारे की कमी को दूर किया जाएगा। वहीं गोशालाओं में पशुओं को पूर्ण खनिज लवण उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जाएगा। गोााला में जाने वाले वैज्ञानिक सबसे पहले एक चार्ट का निर्माण वहां करवाकर गोशाला की साफ सफाई, पशुओं के आवास और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियां देने का काम करेंगे। वहीं आहार को लेकर भी गोशाला संचालकों को सजग किया जाएगा।
कुलपति प्रो.शर्मा का मानना है कि राजस्थान में देशी गोवंश बड़ी मात्रा में है लेकिन अन्न उत्पादन होने पर पशुओं को लोग गोशाला में छोड़ देते हैं। इसलिए उनका सरंक्षण करना और उन्हें उत्पादक बनाने के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है।
गौरतलब है कि राजस्थान में गोशाला की पुरानी परम्परा रही है, ऐसे में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के इस अभियान से ना केवल देशी गौवंश का संरक्षण हो सकेगा बल्कि एक परम्परा का भी संरक्षण होगा।
Kamal kant sharma newsfastweb.com