स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा भीमा नायक के योगदान को किया नमन
बीकानेर। विश्व आदिवासी दिवस पर आज शहर में विभिन्न संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। मीणा समाज की ओर से कर्मचारी मैदान में कार्यक्रम किया गया। वहीं नायक (भील) आदिवासी संगठन की ओर से सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित कर्मचारी मैदान में मीणा समाज की ओर से पौधे रोपित किए गए। साथ ही समाज के बच्चों को तीर-कमान व भाले सहित आदिवासी पारम्परिक वेशभूषा में प्रदर्शित किया गया, जिससे ये दिन हमेशा यादगार बना रहे।
वहीं नायक (भील) आदिवासी संगठन की ओर से सम्मान समारोह आयोजित किया गया। जिसमें राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साइकिल चैम्पियन पूनमचंद लावा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर भील समाज के पहले योद्धा भीमा नायक को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। संगठन के अध्यक्ष भवानीशंकर नायक ने बताया कि वर्ष, 1840 से 1864 के दौरान अंग्रेजों से हुए युद्ध में महती भूमिका भीमा नायक ने निभाई थी। स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों का यह पहला युवक था। वर्ष, 1876 में 29 दिसम्बर के दिन अंडमान के काला पानी में भीमा नायक को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था।
इस अवसर पर संगठन के लोगों ने नायक जाति को मूल जनजाति हक देने की मांग सरकार से उठाई। कार्यक्रम में मदनलाल भील, ओम सारसर, धनराज भील, विनोद कुमार सुडिय़ा, जीतू लुगरिया, जितेन्द्र कुमार नायक, नरेशकुमार नायक, कार्तिक नायक, सुनील नायक, मनीष नायक सहित संगठन से जुड़े कई लोग शामिल रहे।
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