डीआरएम राजीव श्रीवास्तव ने किया प्रतियोगिता की शुरुआत
ऊंट पालकों की आमदनी बढ़ाने के लिए काम कर रहा है केन्द्र
बीकानेर। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में आज विश्व ऊंट दिवस पर ऊंट दौड़ प्रतियोगिता और ऊंट साज सजा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, ताकि ऊंट की उपयोगिता को लोगो तक पहुंचाया जा सके। प्रतियोगिता की शुरुआत डीआरएम राजीव श्रीवास्तव ने की।
आयोजन के दौरान ऊंटनी के दूध से बने उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. टीके गहलोत, पूर्व प्रोफेसर एवं हैड वेटरनरी सर्जरी एवं रेडियालॉजी विभाग, सीवीएएस, बीकानेर ने ऊंट को सस्ता परिवहन का साधन बताते हुए ऊंटों की आज भी उपयोगिता बनी हुई है, परंतु इनका संरक्षण जरूरी है। प्रो.गहलोत ने ऊंटों की घटती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मानव स्वास्थ्य के लिए ऊंटनी के दूध को लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. राजेश कुमार धूडिय़ा, निदेशक (प्रसार शिक्षा) राजुवास बीकानेर ने ऊंट पालन के साथ समन्वित खेती की आवश्यकता जताई तथा एनआरसीसी द्वारा ऊंटनी के दूध आदि क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
विशिष्ट अतिथि देवांश, प्रबंधक, परियोजना प्रबंध एजेंसी, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार ने पशुपालकों व उद्यमियों के समक्ष विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए इनका लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। केन्द्र निदेशक एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने कहा कि उद्यमी व पशुपालक लाभदायक उद्यम को चुनें तथा इसके लिए मिश्रित पशुधन खेती से लाभ की संभावना कहीं अधिक रहती है। वहीं ऊंटों की प्रतियोगिता को देखने के लिए बड़ी संख्या में आमजन भी मौजूद रहे। आयोजन को देखने आए लोगों ने कहा की प्रदेश में घटती ऊंटो की संख्या को रोकने के लिए ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर प्रतियोगिता में विजय प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com