विधानसभा चुनाव को लेकर ये है कांग्रेस का प्लान
दो अक्टूबर के बाद सीटों का पैनल होगा तैयार, 15 तक जारी होगी सूची
बीकानेर। प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के लिए पार्टी पूरी तरह एक्टिव है। कांग्रेस किसी भी कमजोर उम्मीदवार पर कोई जोखिम नहीं खेलना चाहती है। इसको लेकर केंद्रीय चुनाव समिति टिकट चयन के लिए प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी के भरोसे नहीं रहेगी। पार्टी नेतृत्व का यही मूल मंत्र है। उन्हीं लोगों को टिकट दिया जाएगा जो पार्टी को जीत की गारन्टी दे सकें। ऐसे में टिकट चयन में एआईसीसी का पूरा दखल देखने को मिलेगा। इस बीच चर्चा है कि इस बार प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की सिफारिश के आधार पर भी काम नहीं चलेगा।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक चुनाव समिति इस बार कम जन आधार वाले नेताओं को टिकट नहीं देगी। इसके माध्यम से कांग्रेस हाई कमान यह संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि इस बार टिकट वितरण गहलोत और पायलट में समन्वय के लिए नहीं बाटे जाएंगे। कांग्रेस पार्टी चाहती है कि यहां परंपरा तोडक़र कांग्रेस सरकार को वापस रिपीट करवाई जाएं। इसके लिए पार्टी हर सीट पर जीताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटी हुई है। इसको लेकर प्रदेश चुनाव समिति और स्क्रीनिंग कमेटी चुनाव लडऩे वाले इच्छुक नेताओं के बायोडाटा पर विचार करने के साथ वन टू वन बातचीत करने में जुटी हुई है। इसके लिए एआईसीसी की ओर से सीनियर आब्जर्वर के रूप में मधुसूदन मिस्त्री को यह जिम्मेदारी सौंपी है। जो अपने साथ सीनियर नेताओं की अगवाई में मंथन करने में जुटे हुए हैं।
टिकट वितरण में नहीं चलेगी सिफारिश
विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी हाई कमान ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि टिकट केवल जीताऊ उम्मीदवार को ही दिया जाएगा। साथ में यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि इस बार टिकट वितरण राजस्थान के किसी भी नेताओं की सिफारिश के आधार पर नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए यह निर्णय लिया है। क्योंकि पिछली बार पायलट और गहलोत के लड़ाई के चलते कई सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार हार गए थे। जिसके कारण बाद में 13 निर्दलीय विधायकों ने गहलोत सरकार को समर्थन दिया। इनमें अधिकतर विधायक कांग्रेस के बागी विधायक थे।
कांग्रेस के ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री को सौपेंगे अपनी रिपोर्ट
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पहली लिस्ट को लेकर कांग्रेसी ऑब्जव्र्स लगातार एक्सरसाइज कर रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के आब्जर्वर 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को मीटिंग में अपनी रिपोर्ट सीनियर ऑब्जर्वर मधुसूदन मिस्त्री को सौपेंगे। इस रिपोर्ट के बाद कांग्रेस की रणनीति टेबल पर स्पष्ट होगी। कौन सी सीट पर किसका नाम चर्चा में है? और कौन जीत हासिल कर सकता है। इसके अलावा विभिन्न सीटों का फीडबैक होगा। इसके आधार पर हाई कमान उम्मीदवार को टिकट देने या नहीं देने का फैसला करेगी। इस मीटिंग के बाद मधुसूदन मिस्त्री अपनी पूरी रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव समिति में प्रस्तुत करेंगे।
2 अक्टूबर के बाद विधानसभा सीटों के पैनल होगा तैयार
केंद्रीय चुनाव समिति के पास रिपोर्ट आने के बाद टिकट के चयन का काम शुरू हो जाएगा। इसके लिए 2 अक्टूबर के बाद प्रदेश इलेक्शन कमेटी अपना पैनल केंद्रीय चुनाव कमेटी को भेजेगी। इसमें एक सीट पर तीन नाम होंगे। इसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति स्क्रीनिंग कमेटी और मधुसूदन मिस्त्री की टीम की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट पर चर्चा करेगी। इसके बाद विचार विमर्श कर उम्मीदवारों के टिकट का नाम फाइनल करेगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस की पहली सूची 15 अक्टूबर तक ही जारी हो पाएगी।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com