हनुमान बेनीवाल बचा पाएंगे अपना गढ़? खींवसर सीट के ये है सियासी समीकरण

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Will Hanuman Beniwal be able to save his stronghold? These are the political equations of Khinvsar seat

नागौर की खींवसर विधानसभा सीट पर होना है उपचुनाव

बीकानेर। प्रदेश में विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो चुके हैं। विधानसभा सीटों के मौजूदा विधायकों के लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बनाने के बाद रिक्त हुई पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने अपने दांव पेच चला रहे हैं।


राजनीतिक सूत्रों के अनुसार नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं। खींवसर विधानसभा सीट रिक्त होने के कारण उपचुनाव करवाये जाएंगे। खींवसर विधानसभा सीट आरएलपी के हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती है। बेनीवाल के गढ़ को ढहाने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने मतदाताओं की नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है।


खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने जिला मुख्यालय पर बैठक भी की है। वहीं बीजेपी की प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से प्रत्याशी को लेकर रायशुमारी की गई है। बेनीवाल के गढ़ खींवसर को जीतने के लिए सभी राष्ट्रीय दलों की ओर से अपनी-अपनी तैयारियां सामने आने लगी हैं।
वर्ष, 2008 में मुंडवा को हटाकर बनी खींवसर विधानसभा सीट से हनुमान बेनीवाल तीन बार विधायक रहे हैं। वहीं, वर्ष, 2019 में हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर उपचुनाव में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल विधायक बने। वर्ष, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से हनुमान बेनीवाल ने खींवसर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। साल, 2024 के लोकसभा चुनाव में वे एक बार फिर जीत कर सांसद बन गए हैं तो यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में अब खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने है।

वर्ष, 2023 में ऐसा रहा था परिणाम


राजनीतिक जानकारों के अनुसार खींवसर विधानसभा सीट बनने के बाद से लेकर अब तक हनुमान बेनीवाल का ही इस सीट पर कब्जा रहा है, लेकिन शुरू से लेकर अब तक जीत का अंतराल लगातार कम होता जा रहा है। जो हनुमान बेनीवाल के लिए चिंता का विषय जरूर बना हुआ है। साल, 2023 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल मात्र 2200 वोटों से जीत हासिल कर पाए थे।
रालोपा के हनुमान बेनीवाल ने वर्ष, 2023 विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा। वहीं लोकसभा-2024 चुनाव को लेकर इंडी गठबंधन से लड़ा था। उपचुनाव को लेकर अभी किसी तरह के गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है। अब देखने वाली बात तो यह होगी कि बेनीवाल इस उप चुनाव में अपने गढ़ को बचाने में कामयाब होंगे या बीजेपी व कांग्रेस बेनीवाल के गढ़ को ढहाने में कामयाब होंगे।

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