अशोक गहलोत के ‘लाल’ का अब क्या होगा? वैभव की राजनीति पर मंडरा रहे संकट के बादल !

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Jalore-Sirohi Lok Sabha seat: Ashok Gehlot is more worried about his son than the party.

अशोक गहलोत के लिए पार्टी राजी लेकिन वैभव पर आपत्ति

आलाकमान तैयार नहीं, पार्टी के सर्वे में फीडबैक सही नहीं

बीकानेर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव के लिए उनका बनाया खास प्लान अब फेल होता हुआ दिखाई दे रहा है। वैभव के आरसीए अध्यक्ष पद जाने के बाद गहलोत अपने बेटे वैभव के करियर को संवारने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर लगातार गहलोत सक्रिय भी हैं लेकिन सूत्रों के अनुसार गहलोत के लिए अब ऐसा करना आसान नहीं दिखाई दे रहा है। चर्चा है कि पार्टी हाई कमान वैभव गहलोत को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। ऐसे में बेटे के लिए सुनहरा सपना देख रहे गहलोत के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है।


राजनीतिक सूत्रों के अनुसार आरसीए अध्यक्ष के पद के जाने के बाद अशोक गहलोत अपने बेटे को लोकसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं। लेकिन सूत्रों के अनुसार पार्टी हाई कमान उनके टिकट को लेकर सहमत नहीं है। जबकि गहलोत और उनके बेटे वैभव ने लोकसभा चुनाव लडऩे के लिए तैयारी भी शुरू कर दी है। उधर, पार्टी हाई कमान का तर्क है कि जो लोकसभा सीटों का सर्वे कराया गया। उसमें वैभव गहलोत जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में कांग्रेस वैभव गहलोत को टिकट देने का जोखिम नहीं उठाना चाहती है।

गहलोत के लिए पार्टी राजी लेकिन वैभव पर आपत्ति


अशोक गहलोत अपने बेटे वैभव को सीकर जालौर लोकसभा सीट से चुनाव ल?ाने की तैयारी कर चुके हैं। वैभव गहलोत भी सिरोही जालौर लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय होकर कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं। लेकिन पार्टी वैभव गहलोत को टिकट देने के पक्ष में नहीं है। चर्चा है कि पार्टी ने गहलोत को स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह जोधपुर या सिरोही जालौर लोकसभा सीट से लडऩे के लिए स्वतंत्र है। लेकिन उनके बेटे वैभव के टिकट के लिए पार्टी सहमत नहीं हैए क्योंकि पार्टी के सर्वे में वैभव गहलोत की हर बताई जा रही है। ऐसी स्थिति में वैभव को टिकट दिलाना अशोक गहलोत के लिए काफी मुश्किल हो गया है।

वैभव के लिए लोकसभा चुनाव की तैयारी कर चुके हैं शुरू


बीते दिनों वैभव गहलोत ने आरसीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अशोक गहलोत ने अपने बेटे वैभव को राजनीति में फिर से सक्रिय करने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति बनाई। इसको लेकर सिरोही जालौर लोकसभा सीट से तैयारी भी शुरू कर दी। वैभव भी लोकसभा क्षेत्र में डेरा डालकर कार्यकर्ताओं से संपर्क साध रहे हैं। जबकि अशोक गहलोत भी वहां के नेताओं से बराबर फीडबैक लेकर वैभव गहलोत के लिए धरातल तैयार कर रहे हैं। लेकिन अब वैभव गहलोत के टिकट पर पार्टी की ना होने के बाद स्थिति असमंजस में हो गई है।

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