अपने चहेतों को पहुंचा रहे फायदा, अन्य कर्मचारी परेशान
बीकानेर। हमेशा सुर्खियों में रहने वाले पीबीएम अस्पताल में अब भेदभाव का भंवर आ गया है। अस्पताल में भेदभाव फैलाने के आरोपी पीबीएम अधीक्षक पर लगाए जा रहे हैं। ऐसे में दिन-रात मेहनत करने वाले और इमानदार कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
न्यूजफास्ट वेब को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब से डॉ. मोहम्मद सलीम पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक पद पर आसीन हुए हैं, तब से ही वे अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत हुए पीबीएम अधीक्षक के चहेते अधिकारियों को दोबारा से पीबीएम अस्पताल में नियुक्त कर दिया गया है। जिससे सरकार को प्रति वर्ष साढ़े तीन लाख रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इस अधिकारी के सेवानिवृत होने के बाद तुरंत ही उनके पद पर सरकार ने दूसरा अधिकारी नियुक्त कर दिया। जब दूसरा अधिकारी आ गया है तो सेवानिवृत अधिकारी की सेवाओं की कोई जरूरत ही नहीं थी। अगर पीबीएमअस्पताल में सेवानिवृत अधिकारी की सेवाओं की कोई जरूरत है तो मेडिकल कॉलेज में उसी पद पर नियुक्त अधिकारी से वह सेवा नि:शुल्क ली जा सकती है। क्योंकि पीबीएम अस्पताल सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध है।
सूत्रों ने बताया कि पीबीएम अधीक्षक बनने के बाद अस्पताल नियुक्त कई चहेते चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों व अन्य कार्मिकों को कोई कार्य नहीं दिया गया है, जबकि अन्य चिकित्सक, नर्सिंगकर्मियों व अन्य कार्मिकों को उनके मूल कार्य के साथ अन्य कार्यों की जिम्मेदारी भी दी गई है।
सूत्रों ने बताया कि जब से कोविडकाल आया है तब से कई चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी व अन्य कर्मचारी कोविड अस्पताल में कई बार अपनी ड्यूटी कर आए हैं लेकिन चहेते चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों व अन्य कार्मिकों की कोविड अस्पताल में ड्यूटी अधीक्षक ने एक बार भी नहीं लगाई है। इतना ही नहीं, अधीक्षक के चहेते चिकित्सक बिना कार्य किए ही हर महीने सरकार से वेतन ले रहे हैं। पीबीएम अधीक्षक के इस प्रकार के भेदभाव से पीबीएम में नियुक्त अन्य मेहनती, इमानदार चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों व अन्य कर्मचारियों में र्दुभावना उत्पन्न होने लगी है।
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