सोशल साइट्स पर पीडि़ता के अश्लील वीडियो वायरल करने वाला गिरफ्तार

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सोशल साइट्स
चार महीनों से घूम रहा था खुलेआम, गंगाशहर थाना क्षेत्र का मामला

बीकानेर। सोशल साइट्स पर पीडि़ता के अश्लील वीडियो वायरल करने और पोक्सो एक्ट के मामले में पिछले चार महीनों से खुलेआम घूम रहे आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर आज न्यायालय में पेश किया, जहां से आरोपी को जेल भेज दिया गया।

जानकारी के मुताबिक 17 फरवरी को गंगाशहर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक पीडि़ता ने आरोपी घनश्याम सोनी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले की एफआईआर सहित अन्य दस्तावेज, पीडि़ता के बनाए गए अश्लील वीडियो, ऑडियो आदि सामग्री को आरोपी ने सोशल साइट्स पर वायरल कर दिया और पीडि़ता की पहचान उजागर कर दी। जिससे नाबालिगा पीडि़ता और उसके परिजनों को मानसिक प्रताडऩा झेलनी पड़ी। पीडि़ता के परिजनों ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाए कि पुलिस ने आईटी एक्ट की उचित धाराएं इस मामले में नहीं लगाई हैं। इन सबके बावजूद पुलिस ने आरोपी को इतने दिनों तक गिरफ्तार नहीं किया। पीडि़ता और उसके परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार करने और उचित धाराएं लगाने की गुहार लगाई तो पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया।

गोपनीय रखी जाती है पीडि़ता की पहचान

गौरतलब है कि दुष्कर्म, छेड़छाड़, लज्जा भंग आदि मामलों में पीडि़ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है। ऐसे मामलों में पीडि़ता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कानून कार्रवाई का भी प्रावधान कानून में किया गया है। इन सबके बावजूद शहर के कुछ डिजाइनर पत्रकारों ने वायरल हुई एफआईआर और अन्य दस्तावेज देख कर पीडि़ता तथा उसके परिजनों की पहचान को प्रकाशित कर दिया था।

पीडि़ता के परिजनों ने पीडि़ता की पहचान उजागर करने वाले पत्रकारों और अन्य लोगों के खिलाफ तो कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन इस गंभीर मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की उम्मीद पुलिस से रखी थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा और आरोपी शख्स को गिरफ़्तार करने में काफी वक्त जाया कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि एक तरफ तो केन्द्र और राज्य की सरकारें महिलाओं को सम्मान देने के दावे कर रही हैं, वहीं बात जब सरकार के सिस्टम पर आती है तो उनके दावे पूरी तरह से गलत साबित होते दिखाई देते हैं।

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