रहस्य बनी हुई है वसुन्धरा राजे की खामोशी
बीकानेर। प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की खामोशी रहस्य बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस पूरे मामले में अब तक सिर्फ एक ट्वीट किया है और उसके जरिए इतना ही कहा कि राज्य की जनता त्रस्त है। इसके अलावा उन्होंने कुछ भी नहीं कहा है।
सियासी गलियारों में पैठ रखने वालेे सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के सभी नेता कह रहे हैं कि वसुंधरा राजे जैसी कद्दावर नेता को बीजेपी ने दरकिनार कर रखा है। उनको पूछा नहीं जा रहा है। मगर फिर भी वसुंधरा राजे यह नहीं कह रही हैं कि कांग्रेस वाले कौन होते हैं हमारी पैरवी करने वाले? मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे की दोस्ती को लेकर अब तो हालात यह हो गए हैं कि राजस्थान हाई कोर्ट ने कंटेंट ऑर्डर जारी कर दिया है कि आखिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री का बंगला क्यों नहीं खाली कराया जा रहा है? मगर गहलोत हैं, जो इस बात पर अड़े हैं कि वरिष्ठ विधायक के नाम पर बड़ा बंगला वसुंधरा राजे को देने का अधिकार मुझे है।
वसुंधरा राजे के बंगले पर जब सचिन पायलट ने सवाल उठाया तो बीजेपी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया, बल्कि वसुंधरा राजे की तरफ से दो विधायक कैलाश मेघवाल और प्रताप सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सचिन पायलट पर हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे को बंगला देकर सही काम किया है। कैलाश मेघवाल ने तो यह तक कह दिया कि जो कुछ राजस्थान में बीजेपी कर रही है, वो ठीक नहीं है। अशोक गहलोत की सरकार को अस्थिर नहीं करनी चाहिए। कभी कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे एक दूसरे के दुश्मन थे, मगर अब कैलाश मेघवाल बेहद करीबी हो गए हैं और इन्हीं के दामाद अशोक राठौड़ स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के एडीजी हैं, जो इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।
वहीं बीजेपी को डर सता रहा है कि अगर कांग्रेस के दो विधायक कम हुए तो हो सकता है कि कैलाश मेघवाल और प्रताप सिंह के जरिए क्रॉस वोटिंग कराई जाए। मगर अभी वसुंधरा से बात करने की हिम्मत किसी की नहीं है। यही वजह है कि वसुंधरा राजे को मीटिंग तक में नहीं बुलाया जा रहा है। राजनीतिक गलियारे में यहां तक कहा जा रहा है कि जो हालत कांग्रेस में सचिन पायलट की है, वही हालत वसुंधरा राजे की बीजेपी में हो गई है।
मामले में एजेन्टों गिरफ्तारी पर बीजेपी को शक
विधायक खरीद-फरोख्त मामले में संजय जैन, भरत मलानी और अशोक सिंह की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी शक कर रही है, क्योंकि ये सब किसी न किसी वक्त वसुंधरा राजे के बेहद करीबी रहे हैं। बीजेपी की तरफ से रोजाना प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है और जवाबी हमला हो रहा है, मगर वसुंधरा राजे जयपुर आने के बजाय धौलपुर में अपने राजमहल में बंद हैं और पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं।
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