पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान
बीकानेर। प्रदेश में अपराध बेलगाम होकर तेजी से बढ़ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि पिछले पांच महीनों में ही प्रदेश के थानों में 78 हजार आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
प्रदेश में पिछले दिनों कुछ मामले इतने गंभीर थे कि उनकी देश भर में चर्चा हुई। अब पुलिस और सरकार के सामने इन मामलों को सुलझाने के साथ ही अपराध पर लगाम लगाना चुनौती है। न्यूजफास्ट वेब यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जिस औसत में अपराध बढ़ रहे हैं, उसके अनुपात में पुलिसकर्मियों की संख्या नहीं बढ़ाई जा रही है।
प्रदेश में हुए अपराधों का रिपोर्ट कार्ड
इस साल जनवरी से मई महीने के अपराधों की गणना की जाए तो इन पांच महीनों में ही प्रदेश में 78 हजार से ज्यादा अपराध प्रदेश के 850 थानों में दर्ज हुए हैं। पिछले तीन साल की तुलना में न्यूजफास्ट वेब अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ी है। चाहे किसी भी श्रेणी का अपराध हो उसकी संख्या बढ़ी है।
जानकारी के मुताबिक पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इन पांच महीनों में हत्या के 600 से ज्यादा मामले, जानलेवा हमले के 650 से ज्यादा मामले, डकैती व लूट के 500 से ज्यादा मामले, अपहरण के 2900, नकबजनी के 2536 मामले और चोरी के 14977 मामले प्रदेश के पुलिस थानों में दर्ज हुए हैं। अन्य अपराधों की संख्या 54 हजार से ज्यादा है। न्यूजफास्ट वेब वहीं इस दौरान बलात्कार के 19 सौ मामले भी प्रदेश के विभिन्न थानों में दर्ज हुए हैं।
जांच अधिकारी बढ़ाने की तैयारी
प्रदेश में ज्यादातर मामलों में जांच अधिकारी एसआई और एएसआई को बनाया जाता है। अब सिपाहियों को भी जांच करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सरकार के स्तर पर परिवर्तन किया जा रहा है। सिपाहियों को भी अब छोटे मामलों की जांच देने की तैयारी की जा रही है जिससे एसआई और एएसआई पर जांच का दबाव कम हो तथा पीडि़तों को जल्द न्याय मिल सके।