कल है मौनी अमावस्या, भूलकर भी न करें ये काम

0
324
मौनी अमावस्या

हो सकती है बड़ी हानि, प्रभु का करें ध्यान।

बीकानेर। चार फरवरी को मौनी अमावस्या है। माघ महीने की अमावस्या पर मौनी अमावस्या मनाई जाती है। प्रयागराज में चल रहे कुंभ का दूसरा शाही स्नान भी मौनी अमावस्या के दिन ही होगा। कुंभ का ये स्नान जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति दिलाता है। इस बार सोमवती व मौनी अमावस्या पर महोदय योग बन रहा है। यह दुर्लभ योग 71 वर्ष बाद कुंभ के दौरान बन रहा है। माना जा रहा है कि दूसरे शाही स्नान में संगम पर डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग 4 करोड़ के आस-पास हो सकती है।

बन रहा है अद्भुत संयोग

अमावस्या के साथ-साथ सोमवती अमावस्या का अद्भुत संयोग बन रहा है। महोदय योग में गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती के पावन त्रिवेणी तट पर स्नान करने, पूजा-पाठ करने और दान करने से अन्य दिनों में किए गए स्नान-दान से कई गुना अधिक पुण्य फल साधक को मिलता है। इस दिन दान का विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या पर मौन रहकर डुबकी लगाने पर अनंत फल प्राप्त होता है।

अमावस्या के दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत ज्यादा होता है, इसलिए ईश्वर की भक्ति करना शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा, जप-तप बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि इस दिन शुभ कार्य को नहीं करना चाहिए, अन्यथा लाभ की जगह हानि होने की संभावना ज्यादा रहती है।

ऐसे कार्य जिन्हें अमावस्या के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए

क्लेश से रहे दूर

अमावस्या के दिन देवता पितरों का माना जाता है। घर में सुख-शांति और खुशी का माहौल पितरों की कृपा से बनती है। पितरों को खुश करने और कृपा पाने के लिए जहां तक हो सके अपने आप पर और काबू रखें किसी से बिना वजह गाली-गलौज मारपीट न करें। कहीं भी किसी से क्लेश न करें। घर के माहौल को खुशनुमा बनाने के लिए पूजा-पाठ करें और अपने पितरों से आशीष लें।

सबका सम्मान करें

इस दिन गरीब या जरूरतमंद इंसान की मदद करें। मदद न भी कर सके तो कम से कम उसका अपमान न करें। उसके दिल को न दुखाएं, गरीब आदमी के दिल को ठेस पहुंचाने से शनि और राहु-केतु रुष्ट हो जाते हैं और उनके प्रकोप से आपके जीवन में उथल-पुथल मच सकती है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here