ड्यूटी को अपना धर्म मानकर गली-गली, घर-घर जा रहीं ये कोरोना वारियर्स

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कोरोना वारियर्स

अल्प वेतन भोगी आशा सहयोगिनियां इस संकटकाल में कर रहीं समाज सेवा

बीकानेर। कोरोना महामारी से किए जा रहे संघर्ष में अल्प वेतन भोगी आशा सहयोगिनियां भी कोरोना वारियर्स बनकर समाज की सेवा में जुटी हुईं हैं। ड्यूटी को अपना धर्म मानकर ये आशा सहयोगिनियां गली-गली, घर-घर में जाकर लोगों के स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्ट ले रहीं हैं।

लॉकडाउन और कफ्र्यू वाले क्षेत्रों में सुबह से ही ये आशा सहयोगिनियां अपने क्षेत्रों में पहुंच कर घर-घर जाती हैं और वहां लोगों से स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेकर प्रशासन को रिपोर्ट करती हैं। इसके साथ ही ये कोरोना वारियर्स इस महामारी से निपटने में आमजन की ओर से किए जाने वाले कार्यों को लोगों को समझाती हैं, उन्हें सतर्कता बरतने की संदेश देती हैं। इस संकटकाल में अपने घरों में अनुशासन से रह कर सरकार और देश का साथ देने के लिए जागरूक करती हैं। सुबह से लेकर दोपहर तक समाज सेवा और जागरूकता का जिम्मा संभालने वाली इन कोरोना वारियर्स आशा सहयोगिनियों को सरकार की ओर से प्रतिमाह केवल 2750 रुपए मानदेय ही दिया जाता है।

यूनियन प्रतिनिधि अन्जू चौधरी ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि इस समय कोरोना महामारी से देश संघर्ष कर रहा है, वे और समस्त आशा सहयोगिनियां इस संघर्ष में सरकार और प्रशासन के साथ खड़े हैं। सरकार ने उन्हें समाज में जागरूकता लाने का जो जिम्मा सौंपा हैं, उसे वे बेहतर तरीके से निभा रहीं हैं। इस अवसर पर संतोष चौधरी, नेक परवीन, रूखसाना, द्रोपदी व्यास, सुनीता, सरस्वती, शेरबानो, रमा पारीक सहित कई आशा सहयोगिनियां मौजूद रहीं।

Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com

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