प्रदेश में भी होगी जातिगत जनगणना ! नए समीकरण साधने में जुटे मुख्यमंत्री

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There will be caste census in the state too! Chief Minister engaged in new equations

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की है तैयारी

विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश

बीकानेर। प्रदेश में विधानसभा चुनाव से करीब सात महीने पहले राजनीतिक बिसात बिछने लगी है। प्रदेश में जातिगत महापंचायतों का दौर पिछले दो महीने से जारी है। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जातिगत समीकरण साधने में जुट गए हैं।

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति

गहलोत ने जातिगत जनगणना की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई है। गहलोत ने अपने मंत्रियों, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर जातिगत जनगणना के मुददे को हवा देने की रणनीति बनाई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गहलोत ने अपने सहयोगियों से चर्चा कर कहा है कि केंद्र सरकार को जातिगत जनगणना करानी चाहिए, जिससे सभी समाजों को उनका हक मिल सके। मुख्यमंत्री गहलोत की रणनीति है कि जातिगत जनगणना की मांग को लेकर अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा जाए। इसके बाद दिल्ली जाकर पीएम से मुलाकात करें और यदि फिर भी केंद्र सरकार जातिगत जनगणना के बारे में फैसला नहीं करती है तो राज्य के कांग्रेसी विधायक दिल्ली जाकर राष्ट्रपति से मुलाकात करें।


जयपुर बैठे सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार की तर्ज पर गहलोत राज्य सरकार के स्तर पर जातिगत जनगणना का फैसला कर सकते हैं। इस बारे में विचार किया जा रहा है। अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण (ओबीसी) 21 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग को लेकर कांग्रेस के नेताओं की ओर से चलाए जा रहे अभियान के पीछे भी गहलोत की ही सोच बताया जा रहा है। ऐसा कर के गहलोत ओबीसी वोट बैंक को साधना चाहते हैं। हालांकि अन्य जातियों की नाराजगी की आशंका के कारण आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने जाने के मुददे पर गहलोत खुद खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।

चुनाव से पहले बड़ा मुददा बनाने की तैयारी

कुछ नेता जातिगत जनगणना के मामले को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा मुददा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें ओबीसी वर्ग के नेता ज्यादा हैं। 200 सदस्यीय विधानसभा में 60 विधायक और प्रदेश से लोकसभा की 25 में से 11 सीटों पर ओबीसी वर्ग के सांसद हैं। प्रदेश की आबादी आठ करोड़ मानी जाती है जिसमें से करीब पौने चार करोड़ ओबीसी वर्ग की है। ओबीसी में मुख्य रूप से जाट, माली, यादव, कुमावत सहित 50 जातिया हैं। ऐसे में ओबीसी वर्ग के नेता राज्य सरकार पर जातिगत जनगणना को लेकर ज्यादा दबाव बना रहे हैं। कांग्रेस विधायक और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेंद्र यादव, ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत ने भी जातिगत जनगणना की आवश्यक्ता बताई है। पिछले दिनों जयपुर में हुई जाट महापंचायत में जातिगत जनगणना की मांग उठाई गई थी। अब 21 मई को होने वाली कुमावत महापंचायत का मुख्य मुददा जातिगत जनगणना ही है। भरतपुर में चल रहे आरक्षण आंदोलन में भी जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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