संविधान में नहीं है डिप्टी सीएम का पद, ये होती हैं डिप्टी की शक्तियां

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There is no post of Deputy CM in the Constitution, these are the powers of the Deputy

अब तक इतनी बार बने हैं प्रदेश में उप-मुख्यमंत्री

बीकानेर। चुनाव नतीजों के 9 दिन बाद आखिरकार प्रदेश को मुख्यमंत्री और दो उप-मुख्यमंत्री मिल ही गए। मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में सांगानेर सीट से विधायक भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया। वहीं, विद्याधर नगर से विधायक बनीं दीया कुमारी और दूदू से विधायक प्रेमचंद बैरवा को उप-मुख्यमंत्री मनोनीत किया गया है। यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री बने हैं बल्कि ऐसा पहले भी हो चुका है।

प्रदेश में ये बन चुके हैं उप-मुख्यमंत्री


प्रदेश में पहली बार उप-मुख्यमंत्री देश में चुनाव के समय ही बने थे। वर्ष, 1952 में हुए पहले चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास बने तब महवा से विधायक टीकाराम पालीवाल प्रदेश के पहले उप-मुख्यमंत्री बने। उसके बाद वर्ष, 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जीती और भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, जिसके 1 साल बाद रतनगढ़ से विधायक रहे हरिशंकर भाभरा 6 अक्टूबर, 1994 को प्रदेश के दूसरे उप-मुख्यमंत्री बनाए गए। उनका कार्यकाल 4 साल 54 दिन रहा।

वर्ष, 2003 में पहली बार बने थे दो उप-मुख्यमंत्री


वर्ष, 1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी। अशोक गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद साल, 2003 के दिसंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने थे और पार्टी ने चुनावी साल के जनवरी महीने में बनवारीलाल बैरवा और कमला बेनीवाल को डिप्टी सीएम बनाया गया था। यह पहली बार था जब प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्री बनाए गए थे। इसके पंद्रह साल बाद वर्ष, 2018 में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार आई और मुख्यमंत्री बने अशोक गहलोत और उनके डिप्टी के तौर पर सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि उनका कार्यकाल डेढ़ साल के करीब रहा।

ये शक्तियां हैं उप-मुख्यमंत्री के पास

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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