2023 में टूटेगा वर्ष, 2018 का रिकॉर्ड! दागी और बागी फिर चुनावी मैदान में उतरने को तैयार

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The record of 2018 will be broken in 2023! Tainted and rebellious ready to contest elections again

पिछले विधानसभा चुनाव में 23 प्रतिशत विधायकों पर थे आपराधिक मामले

वर्ष, 2018 में गंभीर प्रकृति के मामलों में वांछित थे 28 विधायक

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

बीकानेर। हमेशा की तरह इस बार विधानसभा चुनाव में दागी और बागी दोनों ही चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं। सत्ता के इस महासंग्राम में दागी और बागी दोनों ही की भरमार रहती है। पिछले विधानसभा चुनाव को देखें तो 23 प्रतिशत विधायकों पर आपराधिक मामले थे, हालांकि चुनाव लडऩे वालों में इसका प्रतिशत कहीं ज्यादा था। इस बार भी दागी और बागी चुनाव समर में कूदने के लिए तैयार हैं।


राजनीतिक पंडितों के अनुसार प्रदेश में विधानसभा चुनाव में सत्ता का महासंग्राम जारी है। इस महासंग्राम को जीतने के लिए राजनीतिक दल साम दाम दंड भेद अपनाते रहे हैं। राजनीतिक दल हर हाल में चुनाव जीतने के लिए दागियों और बागियों को भी सहारा लेने से नहीं चूकते हैं। ऐसे में दागी और बागी को टिकट देकर मैदान में उतार देते हैं, जो दम खम दिखाकर चुनाव जीतने को आतुर रहते हैं। बात पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष, 2018 की बात की जाए तो चुने हुए 200 विधायकों में ही 46 विधायकों पर अपराधिक मामले दर्ज थे। अर्थात करीब 23 प्रतिशत पर माननीय विधायक दागी थे।

वहीं अगर बात वर्ष, 2013 के विधानसभा चुनाव की जाए तो 200 में से 36 विधायकों अर्थात 18 प्रतिशत विधायकों ने खुद पर अपराधिक मामले होना घोषित किया था। पिछले चुनाव में देखा जाए तो 28 विधायकों अर्थात 14 प्रतिशत पर गंभीर प्रकृति के केसों में वांछित हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण आदि से सम्बंधित अपराध शामिल हैं। इसी तरह 2013, राजस्थान विधानसभा चुनाव में 199 में से 19 (10 प्रतिशत) विधायकों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। पिछले चुनावों की तरह कुछ इसी तरह का नजारा बागियों को लेकर भी रहता है। एक दल में टिकट नहीं मिलता है तो दूसरे दल से टिकट लेकर चुनावी मैदान में उतरते हैं। कार्यकर्ता भले ही विरोध करते हैं, लेकिन बागी चुनाव जीत भी जाते हैं। इस बार भी कांग्रेस व बीजेपी के साथ ही अन्य दलों में भी बागियों की कतार दिखाई देगी। बीजेपी की पहली सूची में ही दूसरे दलों से आकर टिकट लेने वाले चेहरे शामिल हैं।


लगातार बढ़े गए ‘दागी’
जानकारी के अनुसार वर्ष, 2008 में 200 विधायकों में 30 अर्थात 15 प्रतिशत विधायकों पर अपराधिक केस दर्ज थे। इनमें आठ पर गंभीर मामले शामिल है।
वर्ष, 2013 में 200 विधायकों में 36 अर्थात 18 प्रतिशत विधायकों पर अपराधिक केस दर्ज थे। इनमें 19 पर गंभीर मामले दर्ज थे।
वर्ष, 2018 में 200 विधायकों में 46 अर्थात 23 प्रतिशत विधायकों पर अपराधिक केस दर्ज थे। इनमें 28 पर गंभीर किस्म के मामले दर्ज थे।

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