सर्वे रिपोर्ट में राजस्थान देश के सबसे भ्रष्ट राज्यों में पहले नंबर पर
बीकानेर। प्रदेश में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतों की सुनवाई करने वाले लोकायुक्त का पद पिछले एक साल से ज्यादा समय से खाली है। लोकायुक्त के साथ ही इसमें तैनात होने वाले अधिकारियों के भी आधा दर्जन पद खाली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लोकायुक्तनहीं होने के कारण पिछले एक साल में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ करीब 3 हजार शिकायतों का निपटारा नहीं हो पा रहा। न्याय की उम्मीद से लोग लोकायुक्तकार्यालय में शिकायत तो करते हैं, लेकिन उनका निपटारा नहीं हो पा रहा।
उयार ट्रांसपेंरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के सर्वे में दावा किया गया है कि देश के सबसे भ्रष्ट राज्यों में राजस्थान पहले नंबर पर है। यह सर्वे देश के 20 राज्यों में पिछले साल किया गया था, इनमें पहले नंबर पर राजस्थान तो दूसरे व तीसरे नंबर पर बिहार एवं उत्तरप्रदेश है। ग्लोबल वॉचडॅंाग संस्था ने राजस्थान में रिश्वत के सबसे ज्यादा मामले पकड़े जाने की बात कही है। सबसे ज्यादा रिश्वत का लेनदेन जमीन से जुड़े मामलों में हो रहा है।
मार्च, 2019 से खाली है लोकायुक्त का पद
जानकारी के अनुसार लोकायुक्त का पद मार्च,2019 से खाली चल रहा है। सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार व पद के दुरूपयोग को लेकर लोकायुक्त सचिवालय में प्रतिदिन 10-12 शिकायतें आती है। लेकिन कर्मचारी शिकायतकर्ता को केवल यह आश्वासन देते हैं कि उनका आवेदन फाइल कर दिया गया है, जब भी नये लोकायुक्त की नियुक्ति होगी तब निपटारा कर दिया जाएगा।
यहां ज्यादातर अधिकारी व कर्मचारी विभिन्न विभागों से डेपुटेशन पर लगे हुए थे, लोकायुक्तनहीं होने के कारण वे अपने मूल विभाग में चले गए। गौरतलब है कि प्रदेश में पहले लोकायुक्तका कार्यकाल 8 साल होता था, लेकिन राज्य सरकार ने विधानसभा में लोकायुक्तसंशोधन विधेयक पारित करा कर यह कार्यकाल 5 साल कर दिया। लोकायुक्त पद के लिए देश के किसी भी हाई कोर्ट के सेवानिवृत मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की जा सकती है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com