कड़ी मशक्कत के बाद सदर थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को दिल्ली से किया गिरफ्तार, बीकानेर के शख्स से की थी 55 लाख रुपए की ठगी।
बीकानेर। सदर थाना पुलिस ने इंश्योरेंस की आड़ में ठगी करने के आरोप में तीन जनों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। सदर थाना पुलिस ने यह सफलता तकरीबन छह महीने की कड़ी मशक्कत के बाद पाई है। पुलिस ने आरोपियों के पास से 23 मोबाइल, 2 लैपटॉप और फोर व्हीलर गाड़ी भी बरामद की है। साथ ही आरोपियों के बैंक खातों में जमा 20 लाख रुपए को भी फ्रीज करवाया है।
जानकारी के मुताबिक बीकानेर नगर निगम कार्यालय से सेवानिवृत्त कर्मचारी सतीश कुमार पाण्डे पुत्र बजरंग पाण्डे ने इस बारे में सदर थाने में पिछले वर्ष 17 जुलाई को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उसने बताया था कि वर्ष-2009 में उसने बजाज एलाइन्स लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी से पॉलिशी ली थी। जिसमें उसको दस वर्षों तक हर वर्ष साठ हजार रुपए जमा करवाने थे।
वर्ष-2913 में उसके पास कॉल आई जिसमें सामने से बात करने वाले ने अपने आपको वित्त विभाग, नई दिल्ली से होना बताया। उसने सतीश कुमार पाण्डे को कहा कि वो उसके द्वारा बताए जा रहे बैंक खातों में अपनी पॉलिशी का प्रीमियम जमा करवाए।
पॉलिशी की जमा राशि और उस पर मिलने वाली ब्याज राशि सरकार की ओर से जमा करवा दी जाएगी। इसके बाद दिल्ली से वर्ष 2013 से 2018 तक लगातार कॉल आते रहे और उसने झांसे में आकर कॉल पर बताए गए बैंक खातों में तकरीबन 55 लाख रुपए जमा करवा दिए।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने सदर थानाधिकारी मुकेश कुमार सोनी (आरपीएस प्रोबेशन), इंस्पेक्टर ऋषिराजसिंह, सदर थाना के एसआई गौरव खिडिया और साइबर सैल के दीपक यादव को शामिल करते हुए टीम गठित कर दी गई।
ऐसे आए पकड़ में
उपनिरीक्षक गौरव खिडिया व साइबर सेल के दीपक यादव ने आरोपियों द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंम्बर, बैंक खातों व अन्य सोशल साइट्स का विस्तृत विश्लेषण किया गया तो सामने आया कि आरोपियों द्वारा वर्ष-2013 से 2018 तक परिवादी को ठगी का शिकार बना रहे हैं, साथ में देशभर के अन्य लोगों को भी पॉलिसी के बॉनस का लालच देकर ठगी कर रहे हैं।
गठित टीम द्वारा आईपी मेल, दिल्ली, गोवा, यूपी के बीटीएस व एयर लाइन्स व फ्लाइट चार्ट पर 6 महिने तक परिश्रम करके हजारों मोबाइल नंबरों में से आरोपियों के वास्तविक मोबाइल नंबर हासिल किए।
ठगी में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर व आरोपी के वास्तविक नंबर का विश्लेषण किया गया तो पाया कि उनमें काफी अवांछित कॉल व एक समान लॉकेशन मिलती रही। जिससे ये सुनिश्चित हो गया कि आरोपियो द्वारा ये मोबाइल नंबर काम मे लिया जा रहा है।
आरोपी कम्प्यूटर तकनीकी में एक्सपर्ट थे, इसी कारण आरोपियों ने अवैध मोबाइल, बैंक खाते व अन्य दस्तावेजों का संकलन कर लिया। आरोपी अपने वास्तविक नंबरो से ऑन लाइन्स शॉपिंग किया करते थे, जिनमें से एक फूड हॉम डिलीवरी करने वाली एक जॉमेटो कंपनी भी थी।
जॉमेटो कंपनी से आरोपियों की ऑर्डर डिलीवरी एड्रेस हासिल कर अनुसंधान अधिकारी गौरव खिडिया के नेतृत्व कांस्टेबल जगदीश, अशोक कुमार को गिरफ्तारी के लिये दिल्ली भेजा गया।
दिल्ली पहुंचकर जोमेटो द्वारा बताए गये घर व ऑफिस की तस्दीक की गयी और उनके ऑफिस आने जाने का रुट चार्ट का पता किया गया। 25 जनवरी को जैसे ही आरोपी अपने ऑफिस पहुंचे तो तुरन्त उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और बीकानेर लाया गया।
ऐसे करते थे वारदात
ये आरोपी सीनियर सिटीजन व महिलाओं को बीमा के लाभांश का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे और उनसे किश्तों में रुपए अपने खातों में जमा करवा लेते और नेट बैंकिंग के माध्यम से अपने चिन्हीत खातों में रुपए ट्रांसफर कर लेते थे। ये आरोपी ठगी करने की वारदात करने के लिये नये नये मोबाइल नबरं व बैंक खातों का उपयोग करते रहे थे।