न नेता, न कोई राजनीतिक दल के कार्यकर्ता, आम महिलाओं ने किया प्रदर्शन का नेेतृत्व
कहीं मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी ना फेर दे फ्यूल चार्ज बढ़ाने का निर्णय
बीकानेर। कांग्रेस सरकार की ओर से बिजली बिलों में फ्यूल चार्ज के विरोध में आमजन आज सडक़ों पर उतर आया। इस विरोध प्रदर्शन में सबसे बड़ी बात यह रही कि इसमें न तो कोई नेेता शामिल था और न ही किसी संगठन का साथ था। आम महिलाओं के नेतृत्व में गहलोत सरकार के इस निर्णय का विरोध किया गया।
कलक्टर कार्यालय के सामने काफी तादाद में एकत्र हुई आम महिलाएं कांग्रेस सरकार के इस निर्णय का तेज आवाज मेें नारों के साथ विरोध प्रदर्शन करती नजर आईं। बिजली बिलों में फ्यूल चार्ज की बढ़ोतरी में हुए इस विरोध के दौरान लोगों के मन में कांग्रेस सरकार की दी हुई पीड़ा उभर कर सामने आई। जिसे देखकर राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान भी बदल गए। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार कांग्रेस सरकार का यह निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दोबारा सत्ता में आने की मंशा पर पानी फेर सकता है।
महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर आईं और सरकार की मनमानी के खिलाफ जमकर गुबार निकाला। महिलाओं का कहना है कि एक तरफ तो सरकार 100 यूनिट मुफ्त बिजली दे रही है, वहीं दूसरी ओर बिजली फ्यूल चार्ज के नाम पर लोगों से वसूली कर रही है। ऐसे में लोगों के बिजली के बिल बढ़ गए हैं जिसे भर पाना आम आदमी के बस की बात नहीं है। महिलाओं ने कहा कि उन्हें मुफ्त बिजली नहीं चाहिए, केवल बढ़ाए गए फ्यूल चार्ज को हटा दिया जाए ताकि उनका बिल कम हो सके। महिलाओं ने कहा कि जब तक गहलोत सरकार उनके बिल कम नहीं करती है, बिजली के बिल नहीं भरे जाएंगे और आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कंपनी की मनमानी के चलते लोगों को बेहतर सेवा नहीं मिल पा रही है और गहलोत सरकार की ओर से जो फ्यूल चार्ज बढ़ाया गया है उससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
कुल मिलाकर आज के आमजन के प्रदर्शन ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आइना दिखाने का कार्य किया है, साथ ही प्रदेश में यह संदेश भी दिया है कि अगर सरकार ने आमजन की परेशानियों को नहीं समझा तो वे उसे सत्ता से बेदखल करने का भी दम रखते हैं। मुफ्त की रेवडिय़ों से उन्हें सरोकार जरा भी नहीं हैं।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com