अस्पताल समय में सरकारी पर्ची पर परामर्श देकर निजी अस्पताल से दवाइयां खरीदवाने का आरोप
जांच के लिए मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने कमेटी की गठित
बीकानेर। पीबीएम अस्पताल के आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में कार्यरत डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल भ्रष्टाचार के एक और मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। उनके भ्रष्टाचार के इस मामले को लेकर शहर के जागरूक लोग हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।
पीबीएम हेल्प कमेटी के अध्यक्ष सुरेन्द्रसिंह राजपुरोहित ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि इस प्रकार के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं जिसमें यह दर्शाया गया है कि 1-1-2019 से 10-4-2020 तक डॉ. सुरेन्द्र बेनीवाल ने आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में अपना इलाज करवाने के लिए पहुंचने वाले रोगियों को सरकारी पर्ची पर परामर्श दिया और उन्हें दवाइयां निजी दुकान से खरीद करवाईं। इस बारे में जागरूक नागरिकों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से लिखित में शिकायत की जिसमें इस भ्रष्टाचार के मामले का सत्यापन मरीजों को दिए गए परामर्श का रिकार्ड और निजी मेडिकल स्टोर से बेची गई दवाइयों के बिलों का रिकॉर्ड सहायक औषधि नियंत्रक से प्राप्त कर किया जा सकता है।
यह शिकायत मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने के लिए छह चिकित्सकों की एक कमेटी गठित करते हुए 21 मई, 2020 को आदेश जारी किए। इस आदेश में कमेटी को तीन दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करनी थी लेकिन आज साढ़े चार महीने बाद भी जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है और भ्रष्टाचार के आरोपी चिकित्सक सुरेन्द्र बेनीवाल बदस्तूर आचार्य तुलसी कैंसर अस्पताल में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।
फिलहाल शहर के कुछ जागरूक लोग इस बारे में सभी प्रकार के दस्तावेज लेकर हाई कोर्ट का रूख किए हुए हैं। जल्दी ही इस बारे में हाई कोर्ट के संज्ञान में भ्रष्टाचार का यह मामला लाया जाएगा।
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