भेदभाव की नीति से कई सेवा संगठन आहत
बीकानेर। लॉकडाउन के दौरान शहर के दर्जनों संगठन सेवा कार्य करने में दिन-रात जुटे हैं लेकिन लोगों में चर्चा है कि जिला प्रशासन सिर्फ एक मंत्री के परिवार को ही महत्व दे रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि प्रशासन की ओर से जारी हो रहे समाचारों में भी सिर्फ मंत्री परिवार का ही गुणगान किया जा रहा है। प्रशासन की इस भेदभाव नीति पर लोगों में रोष व्याप्त है।
पिछले कई दिनों से प्रशासन की इस भेदभाव वाली नीति पर लोगों में चर्चा की जा रही है। कचहरी परिसर में आए कुछ लोग बात कर रहे थे कि जोधपुर डिस्कॉम से सेवानिवृत हुए रघुनाथसिंह सोलंकी ने लॉकडाउन के 40 दिनों में करीब एक लाख तीस हजार रुपए जरूरतमंदों में वितरित किए हैं। छह अप्रेल को फड़बाजार क्षेत्र में कफ्र्यू के दौरान सीओ सदर पवन भदौरिया ने भी एक जरूरतमंद वृद्ध की सहायता भी रघुनाथसिंह सोलंकी से ही करवाई थी। उस वक्त सोलंकी ने वृद्ध शख्स को दो हजार रुपए नगद भेंट किए थे। प्रशासन की ओर से जारी समाचारों में इस व्यक्ति के सेवा कार्य को तवज्जों नहीं दी गई।
चर्चा है कि कल मंत्री परिवार से जुड़े एक सदस्य द्वारा कई परिवारों को एक-एक हजार रुपए नगद वितरित किए गए तो प्रशासनिक अधिकारी भी वहां मौजूद रहे और बकायदा सरकारी प्रेस नोट भी जारी किया गया। इतना ही नहीं शहर में ऐेसे कई ट्रस्ट और संगठन ऐसे हैं जो जरूरतमंदों को भोजन व सूखा राशन भेंट कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन को इनसे कोई लेना-देना नहीं है। मंत्री के परिजनों से जुड़ी एक संस्था के द्वारा सूखा राशन बांटा जाता हैं तो प्रशासन के कारिन्दें मौके पर मौजूद रहकर इसकी लम्बी चौड़ी खबरें जारी कर रहे हैं।
लॉकडाउन के शुरू होने वाले दिन से रामलाल सूरजदेवी रांका चेरिटेबल ट्रस्ट, सुसवाणी माताजी मंदिर मोराखाणा ट्रस्ट, सेठ तोलाराम सुराणा चेरिटेबल ट्रस्ट, पीबीएम हैल्प कमेटी, कम्यूनिटी वेलफेयर सोसायटी, इन्द्रा कॉलोनी सेवा समिति सहित दर्जनों संगठन व संस्थाएं लगातार सेवा कार्य में जुटी हुई हैं लेकिन प्रशासन की निगाहें इनके सेवा कार्यों पर कम ही रूक पा रही हैं। ऐसे में सेवा कार्यों से जुड़े कई संगठन अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं और प्रशासन की इस भेदभाव वाली नीति की आलोचना भी कर रहे हैं।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com