जानलेवा हमले के अभियुक्त को दस वर्ष का सश्रम कारावास, अर्थदण्ड भी

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The accused of murderous attack was sentenced to ten years of rigorous imprisonment and fine

अपर सेशन न्यायाधीश, संख्या-2, बीकानेर ने दिया दण्डादेश

बीकानेर। करीब सवा तीन वर्ष पुराने बज्जू पुलिस थाना के एक प्रकरण में जानलेवा हमले के अभियुक्त को दस वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपए बतौर जुर्माने का दण्डादेश दिया गया है। अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-2, बीकानेर के पीठासीन अधिकारी लोकेन्द्रसिंह शेखावत ने यह दण्डादेश दिया है।


लोक अभियोजक संदीप स्वामी के अनुसार इस प्रकरण का अभियुक्त श्रवणकुमार पुत्र रामचन्द्र बज्जू पुलिस थाना के माणकासर गांव का रहने वाला है। अभियुक्त श्रवणकुमार को आईपीसी की धारा-307 में दस वर्ष सश्रम कारावास और दस हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर छह महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसी प्रकरण में अभियुक्त पर आयुध एक्ट की धारा-3/25 और 27 का दोषसिद्ध भी हुआ है। जिस पर न्यायालय ने आयुध अधिनियम की धारा 27 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए का जुर्माना तथा आयुध अधिनियम की धारा 3/25 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 5 हजार रुपए के जुर्माने से भी दण्डित किया है। जुर्माना नहीं अदा करने पर अभियुक्त श्रवणकुमार को क्रमश: एक-एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।


लोक अभियोजक के अनुसार इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाहों के बयान न्यायालय के समक्ष कराए गए। वहीं 34 दस्तावेज/साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जिनके आधार पर न्यायालय की ओर से अभियुक्त श्रवणकुमार को यह दण्डादेश दिया गया।

ये था प्रकरण


वारदात 21 मई, 2021 को सुबह करीब सवा आठ बजे हुई। परिवादी श्रीराम के पर्चा बयान के अनुसार परिवादी इस दिन एक केएमडी, माणकासर स्थित अपनी ढाणी में था। उसके पड़ौस में ही रामचन्द्र पुत्र धमाराम का खेत स्थित है जिसमें रामचन्द्र का बेटा श्रवणकुमार रहता था। दोनों के बीच जमीन का विवाद है। परिवादी के अपने खेत में सरसो का पेड़ लगा है। उस पेड़ को सुल्तान खां पुत्र हबीब खां काटने लगा तब उसने मना किया। इसी दौरान श्रवणकुमार भी वहीं पहुंच गया और उसने देशी अवैध पिस्टल से श्रीराम पर गोली दाग दी। जिससे एकबारगी श्रीराम बच गया।

श्रवणकुमार ने दूसरी गोली उसपर चलाई जो उसके कंधे पर और तीसरी गोली उसके बाएं पैर पर लगी। श्रीराम अपनी ढाणी की तरफ भागने लगा। तभी वहां उसके भाई रामस्वरूप का लडक़ा सांवरमल पहुंच गया और उसे ढाणी पर ले आए। इस लिखित रिपोर्ट के आधार पर बज्जू पुलिस थाने में 21 मई, 2021 को अभियुक्त के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और 26 अगस्त, 2021 को चालान पेश किया गया।

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