पीडि़ता ने न्यायालय की ली शरण, तब जारी हुए एफआईआर दर्ज करने के आदेश
नयाशहर थाना क्षेत्र का है मामला, महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले
बीकानेर। कहने को तो गहलोत सरकार, उनके मंत्री व विधायक तथा पुलिस के आला अधिकारी प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही देखने को मिल रही है। नयाशहर थाना क्षेत्र में हुआ एक मामला इसकी एक बानगी भर है।
दरअसल, नयाशहर थाना क्षेत्र के मुरलीधर व्यास कॉलोनी में रहने वाली एक पीडि़ता की स्वयं को मिल रही धमकियां और अपने बेटे के साथ की गई मारपीट की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। पीडि़ता थाना स्टाफ के रवैये से परेशान होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय भी अपनी फरियाद लेकर पहुंची लेकिन वहां से भी उसे आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके सरकारी सिस्टम से थक कर पीडि़ता ने न्यायालय में गुहार लगाई, तब कहीं जाकर न्यायालय ने संबंधित थाना पुलिस को प्रकरण की जांच कर एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी किए।
पीडि़ता के अनुसार उसका बेटा जिम चलाता है। जिम के पश्चिमी तरफ के पड़ौसियों ने 17 अक्टूबर को जिम की छत पर पानी डालकर उसमें करंट छोड़ दिया था। जिसकी वजह से उसका बेटा मरते-मरते बचा था। इस मामले की शिकायत पीडि़ता ने नयाशहर थाने में दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे आरोपियों के हौसले बढ़ गए और उन्होंने घटना के अगले दिन पीडि़ता और उसकी बेटी को धमकियां देते हुए कहा कि पुलिस उनका कुछ नहीं करेगी, उनके थाना पुलिस से अच्छे संबंध हैं। जयपुर तक उनकी पहुंच है। पीडि़ता ने पुलिस के बड़े अधिकारियों तक शिकायत करने को कहा तो आरोपी पिता-पुत्र ने उन दोनों मां-बेटी के साथ मारपीट की और बदसलूकी की। रात 11 बजे पीडि़ता अपने पति व पुत्र के साथ नयाशहर थाने पहुंची तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने सुबह थानेदारजी आने का कहकर उन्हें टरका दिया।
पीडि़ता ने इसके बाद भी कई चक्कर थाने के लगाए लेकिन उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। थाना पुलिस के रवैये से परेशान होकर पीडि़ता 26 अक्टूबर को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची और वहां अपनी फरियाद लिखित में दी। साथ ही पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि नयाशहर थाने का एक हैड कांस्टेेबल समझौता करने के लिए दबाव डाल रहा है और प्रकरण के दोनों आरोपी उसे धमकियां दे रहे हैं।
इस पर पुलिस अधीक्षक ने पीडि़ता को कहा कि मैने थानापुलिस नयाशहर को निर्देशित कर दिया है, आपकी प्रथम सूचना दर्ज हो जाएगी। आप थानापुलिस नयाशहर चली जाओ।
जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी से आश्वासन मिलने के बाद पीडि़ता दोबारा नयाशहर पुलिस थाना गई तो वहां पर महिला उपनिरीक्षक मिली, उन्होंने कहा कि आपकी एफआईआर कल लिख देगें। आप सुबह आ जाना। पीडि़ता अपने बेटे के साथ अगले दिन थाने गई तो उनका व्यवहार बदला हुआ था। वह बोलीं कि तुम यहां से जाओ तुम्हारा कोई मुकदमा दर्ज नहीं होगा। इसके बाद पीडि़ता थानाधिकारी से मिली और उन्हे प्रथम सूचना दर्ज करने का निवेदन किया तो उन्होंने भी मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया।
जब थानापुलिस नयाशहर के द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं किया गया तो पीडि़ता 2 नवम्बर को फिर से पुलिस अधीक्षक के समक्ष उपस्थित हुई और प्रार्थनापत्र पेश कर कहा कि आपके द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद भी थानापुलिस नयाशहर के द्वारा प्रथम सूचना दर्ज नहीं की जा रही है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने पीडि़ता को कहा कि अब आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है। अब पुलिस खुद घर आकर मुकदमा दर्ज करेगी। आप चिन्ता मत करो और घर जाओ। हैरानी की बात है कि पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद भी इस प्रकरण की एफआईआर दर्ज नहीं की गई तो पीडि़ता ने न्यायालय की शरण ली।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com