5 की चाय, 12 का समोसा, लंच 50 और डीनर 60 रुपए, चुनाव के लिए दरें तय, पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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A candidate can spend so much money in a day, Election Commission has set a limit

आचार संहिता लगते ही नेताओं के चुनावी खर्च का मीटर हो जाएगा शुरू

135 वस्तुओं के दाम कर दिए गए हैं तय, निर्वाचन आयोग की रहेंगी पैनी नजरें

बीकानेर। विधानसभा चुनाव में नेताओं के चुनावी खर्च पर इस बार निर्वाचन आयोग की पैनी नजरें रहेंगी। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही चुनाव प्रचार में प्रयुक्त होने वाली प्रचार सामग्री और खाने-पीने आदि की 135 वस्तुओं के दाम तय कर दिए हैं। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को 5 रुपये की चाय और 12 रुपये का समोसा पड़ेगा। नेताजी खर्च करेंगे और हिसाब चुनाव की मशीनरी रखेगी ताकि आंकलन किया जा सके कि कहीं नेताजी खर्च में लिमिट से बाहर तो नहीं जा रहे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टिकट पर टकटकी लगाए तमाम नेताओं ने अपने क्षेत्रों में पसीना बहाना शुरू कर दिया है। चुनाव का प्रचार करना है तो नेताजी को समर्थक भी चाहिए और उन पर खर्चा भी करना पड़ेगा। नेताजी जेब भी खूब ढीली कर रहे हैं। अभी आचार संहिता लागू नहीं हुई है तो चुनाव खर्च का मीटर चालू होने का भी डर नहीं है।


बाजार में खाने-पीने की चीजों को लेकर भाव क्या हंै यह आम जनता को पता हैं लेकिन अब आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेताजी को भी चुनावी खर्च को लेकर इनके बारे में जानना होगा। निर्वाचन विभाग ने 2018 के चुनाव में जो चुनावी खर्च था उसे अब 2023 के लिए बढ़ा दिया है। जहां एक ओर राजनीतिक दल दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं को जोडऩे और तोडऩे में लगे हैं तो वहीं इसी बीच चुनाव आयोग अपनी तैयारियों में जुटा है। जिला निर्वाचन की ओर से भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बैठकर पुरानी दरों को रिन्यूअल करने के बाद कुल 135 आयटम की दरों पर अंतिम मुहर लगा दी गई है।
आचार संहिता लगने के बाद चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को स्वागत में डाली गई चुनावी माला उन्हें पसीना दिला सकती है। इसकी वजह साफ है क्योंकि चुनाव आयोग स्वागत में डाली गई माला का खर्चा भी प्रत्याशी के खाते में जोड़ेगा।

प्रत्याशियों की ओर से चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पंडाल और वाहनों पर किस तरह खर्चा करना है, ये भी तय कर दिया गया है। इसके बाद चुनाव लडऩे वाले नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को सुबह-शाम कचौरी-समोसे के साथ जलेबी खिलाना महंगा पड़ सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इस बार जो चुनाव प्रचार-प्रसार में उपयोग होने वाली सामाग्री की रेट लिस्ट जारी की है उसमें इनकी कीमतें 20 फीसदी तक बढ़ा दी है। हालांकि चाय-कॉफी की रेट पहले की तरह 5-10 रुपए बरकरार रखी है। इस बार लग्जरी कार, बोलेरो, इनोवा या बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा। वहीं बैटरी रिक्शा पर फ्लैक्स बैनर लगाकर उस पर लाउड स्पीकर के जरिए चुनाव प्रचार करवाने का खर्चा भी बढ़ा दिया है।


आयोग ने वाहनों का प्रतिदिन का किराया 15 फीसदी तक का बढ़ा दिया है। लग्जरी कारों का एक दिन का किराया नॉन एसी 2 हजार, जबकि एसी 3100 रुपए निर्धारित किया है। अगर प्रत्याशी इनका उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के समय करता है तो ये उसके चुनाव खर्चे में जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव लडऩे के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए 40 लाख रुपए खर्च की लिमिट दी है। इस खर्चे में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को रैलियां, रोड-शो, चुनावी सभाओं के अलावा चुनाव कार्यालय खोलने, कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता, खाना खिलाने का भी खर्चा शामिल करके आयोग के समक्ष अपना खर्च का लेखा-जोखा पेश करना होगा। चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए सुबह-शाम करवाए जाने वाले लंच-डिनर, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे, नाश्ते में दिए जाने वाले लड्डू, नमकीन समेत अन्य चीजों की कीमतों में इजाफा किया है। वहीं दिन का लंच 50 रुपए प्रति थाली, जबकि शाम के डिनर की रेट 60 रुपए प्रति थाली लगाई है।

#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com

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