प्रदेश भाजपा में आंतरिक गुटबाजी लगने लगी बढऩे
बीकानेर। प्रदेश भाजपा में आंतरिक गुटबाजी लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया व राज्य विधानसभा में उप नेता राजेंद्र राठौड़ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को दरकिनार करने में जुटे नजर आ रहे हैं। दूसरी तरफ वसुंधरा राजे अपने समर्थकों को एकजुट करने में जुटी बताई जा रही हैं।
राजनीतिक सूत्रों से न्यूजफास्ट वेब को मिली जानकारी के अनुसार वसुंधरा राजे अपने समर्थक पूर्व मंत्रियों व विधायकों से लगातार संपर्क में हैं। वे अगले माह से जिला स्तर के नेताओं के साथ संवाद स्थापित करेंगी। वसुंधरा राजे के विश्वस्त पूर्व मंत्री युनूस खान, कालीचरण सर्राफ, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और विधायक प्रतापसिंह सिंघवी अपने खेमे के नेताओं की सूची तैयार करने में जुटे हैं।
वसुंधरा राजे नवंबर में अपने समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं से सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद करेंगी। इसके बाद दिसंबर से जिलों का दौरा करेगी। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद दिल्ली से जयपुर पहुंचीं वसुंधरा राजे से पिछले एक सप्ताह में एक दर्जन विधायकों व पूर्व मंत्रियों ने मुलाकात की है। इन पूर्व मंत्रियों व विधायकों ने वसुंधरा राजे को हर परिस्थिति में साथ रहने का वादा किया बताया जा रहा है। वसुंधरा राजे से मुलाकात करने वालों में आदिवासी बहुल उदयपुर संभाग के नेताओं की संख्या ज्यादा है। शेखावत, पूनिया व राठौड़ ने संगठन में मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक वसुंधरा राजे के विरोधियों को महत्व देना शुरू किया है। अब तक पदों पर जमें वसुंधरा राजे के समर्थकों को पदों से हटाया गया है।
पार्टी के कार्यक्रमों से भी वसुंधरा राजे समर्थकों को दूर रखा जा रहा है। इस बात की शिकायत पिछले दिनों दिल्ली दौरे के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी की थी। पार्टी की आंतरिक गुटबाजी का ही नतीजा है कि प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ होने वाले कार्यक्रमों को भी अपेक्षा के मुताबिक सफलता नहीं मिल पा रही है। वसुंधरा राजे फिलहाल गहलोत के खिलाफ बिल्कुल नहीं बोल रहीं हैं। वहीं, शेखावत, पूनिया व राठौड़ लगातार गहलोत सरकार को घेरने में जुटे हैं। किसी भी मुद्दे पर भाजपा के ये नेता गहलोत और उनकी सरकार को घेरने का मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
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