सर्किट हाउस में दवा स्टाकिस्ट्स, निजी अस्पताल और सरकारी कारिन्दों से की जा रही पूछताछ
510 रेमडेसिविर इंजेक्शन का है गड़बड़झाला, महामारी में लोगों की मजबूरी का उठाया गया फायदा
बीकानेर। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में जांच के लिए आज एसओजी टीम बीकानेर पहुंची। एसओजी की एएसपी दिव्या मित्तल व इंस्पेक्टर भूराराम खिलेरी दवाई स्टॉकिस्ट्स, निजी अस्पताल और सरकारी नुमाइंदों से गहन पूछताछ करने में जुटी है।
एएसपी दिव्या मित्तल ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि बीकानेर में कोरोना मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है। जिसमें स्टॉकिस्ट्स, प्राइवेट हॉस्पिटल और सरकारी नुमाइंदों की मिलीभगत से कालाबाजारी किए जाने की आशंका है। एसओजी ने स्टॉकिस्ट्स, प्राइवेट हॉस्पिटल और चिकित्सकों के खिलाफ जयपुर स्थित एसओजी थाने में मामला दर्ज किया था।
इस संबंध में आज स्टॉकिस्ट्स को पूछताछ के लिये सर्किट हाउस में बुलाकर उनके बयान लिए जा रहे हैं। सभी स्टॉकिस्ट्स, निजी अस्पताल के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। एसओजी की प्राथमिक जांच में सामने आया है कि स्टॉकिस्ट्स ने 1400 इंजेक्शन सप्लाई किए थे। सरकारी रिकॉर्ड में 890 ही बताए गए हैं। ऐसे में 510 इंजेक्शन का घोटाला किया गया सामने आ रहा है। कालाबाजारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन 18000 से 30 हजार रुपये तक बेचा जा रहा था।
गौरतलब है कि दस मई, 2021 को एसओजी इंस्पेक्टर भूराराम खिलेरी की ओर से एसओजी थाने में दी गई इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से जीवन रक्षक दवाई रेमडेसिविर इंजेक्शन के स्टॉकिस्ट्स जिन्दल मेडिकोज, मित्तल फार्मा., तंवर मेडिकोज व मित्तल ड्रग एजेन्सी पर कालाबाजारी करने के आरोप लगाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 अस्पताल नहीं होने पर भी इन स्टॉकिस्ट्स ने मारवाड़ हॉस्पिटल, श्रीराम हॉस्पिटल व पीटी कृष्णा अस्पताल सहित डॉ. अशोक गुप्ता, डॉ. दयाल शर्मा, डॉ.जेके पुरोहित, डॉ. श्रेया जैन, डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. अमित, डॉ. विजयशांति बांठिया, डॉ. गोपाल, डॉ. धनपत डागा, डॉ. विकास पारीक, एमजी चौधरी को भारी मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन दिया जाना रिकॉर्ड में पाया गया है।
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