नापासर निवासी किसान से की थी पौने दो करोड़ रुपए की ठगी
बीकानेर। भारतीय स्टेट बैंक की पॉलिसी में निवेश कर करोड़ों रुपए का लाभ कमाने का झांसा देकर पौने दो करोड़ रुपए की ठगी करने वाले छह साइबर ठग को कोटगेट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस इन सभी साइबर ठगों को गाजियाबाद, दिल्ली से गिरफ्तार कर यहां लाई है। मोबाइल पर कॉल देकर लाखों रुपए का फायदा मिलने का प्रलोभन देने वाले इन साइबर ठगों से पुलिस गहन पूछताछ करने में जुटी है।
थानाप्रभारी धरम पूनिया ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि नापासर थाना क्षेत्र के रामसर गांव निवासी मूलाराम पुत्र फूसाराम जाट ने मामला दर्ज कराया था।जिसमें उन्होंने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अपनी पूंजी निवेश की थी। उनकी पॉलिसी वर्ष-2018 में पूरी होनी थी। इससे पहले उसके पास अलग-अलग नंबरों से कॉल आए। इन मोबाइल कॉल में दूसरी तरफ से कॉल करने वालों ने स्वयं को बैंक के मुख्य कार्यालय का प्रतिनिधि बताते हुए इस पॉलिसी को विस्तारित करने के लिए और रकम जमा करवाने का झांसा दिया। परिवादी मूलाराम इन झांसों में आ गया और उसने साइबर ठगों के बताए हुए अलग-अलग बैंक खातों में बताई गई राशि जमा करवा दी। मूलाराम ने इस तरह 8 महीनों में कुल 1 करोड़ 74 लाख रुपये जमा करवा दिए। जब उसने भारतीय स्टेट बैंक मेें अपनी पॉलिसी और किए गए पौने दो करोड़ रुपए के निवेश के बारे में पता किया तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई और वह तुरन्त थाने पहुंचा।
ऐसे आए पकड़ में
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद थानाधिकारी धरम पूनिया की अगुवाई में आईओ कन्हैया लाल ने मामले जांच की। टीम ने जिन बैंक खातों में राशि जमा कराई उसके आधार पर जांच की। अधिकांश बैंक खाते व मोबाइल नाम पते कॉल सेंटर प्रीत विहार, दिल्ली में संचालित होते पाए गए। जांच में सभी नाम पते एवं बैंक खाताधारकों के नाम फर्जी पाए गए। पुलिस टीम ने खातों से मिले फोटो तथा मोबाइल नंबरों के आधार दिल्ली व अन्य स्थानों पर जाकर खोजबीन की। इस दौरान इन साइबर ठग की लोकेशन अहमदाबाद आई तो पुलिस ने वहां से आरोपियों को हिरासत में लिया।
पुलिस ने बताया कि गिरोह में शामिल दिल्ली के रहने वाले रोहित कुमार शर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, विकास कुमार शर्मा, जितेश श्रीवास्तव, अनुप कुमार जाटव, दिनेश कुमार कन्नौजिया को गिरफ्तार किया है। अधिकांश सदस्य उच्च शिक्षित एवं आईटी के जानकार हैं, जो वास्तविक कंपनियों से पॉलिसी धारकों का मूल डेटा चोरी कर उनसे संपर्क करते हैं तथा ज्यादा बोनस लाभ का प्रलोभन देकर ग्राहकों से अपने बैंक खातों में राशि ट्रांसफर करवा लेते हैं।
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