पायलट गुट के कई विधायकों को दी गईं अहम जिम्मेदारियां
कारगर साबित होती नजर आ रही दबाव की राजनीति
बीकानेर। प्रदेश कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच गहलोत-पायलट खेमे में सुलह के आसार नजर आने लगे हैं। इस्तीफा दे चुके पायलट समर्थक विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा नामंजूर कर लिया गया है। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन उन्हें विधानसभा के राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बना दिया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार विधानसभा समितियों में पायलट खेमे के विधायकों को अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। खास तौर पर राजकीय उपक्रम समिति का सभापति की जिम्मेदारी इस्तीफे की पेशकश कर चुके विधायक हेमाराम चौधरी को सौंपी गई है। यानी इन समितियों के जरिए पायलट कैंप के नेताओं को एडजस्ट करने के साथ-साथ हेमाराम चौधरी इस्तीफा प्रकरण का भी पटाक्षेप कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने ही हेमाराम को अहम समिति का सभापति बनाया है, जिसका सीधा मतलब है कि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया।
पायलट गुट के कई विधायकों को अहम जिम्मेदारी
प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कैंप के बीच जारी सियासी खींचतान के बीच विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी द्वारा विधानसभा की 19 कमेटियों के पुनर्गठन में पायलट गुट के कई नेताओं को अहम जिम्मेदारियां देने से सियासी संकेत साफ नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अगर स्पीकर उनका इस्तीफा मंजूर करते तो उन्हें विधानसभा समिति का सभापति नही बनाते।
हेमाराम चौधरी के अलावा पायलट गुट के अन्य विधायकों को भी अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। सचिन पायलट समर्थक विधायक मुरारीलाल मीणा को जनलेखा समिति और सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति सदस्य बनाया है। वेद प्रकाश सोलंकी को विशेषाधिकार समिति और अधीनस्थ विधान समिति, राकेश पारीक को नियम समिति, पर्यावरण संबंधी समिति में सदस्य बनाया है। रामनिवास गावडिय़ा को पुस्तकालय समिति और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है।
ये हैं इस समिति में शामिल
जीआर खटाणा को याचिका समिति और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है। हरीश मीणा को एस्टीमेट कमेटी में, इंद्राजसिंह गुर्जर को सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति में सदस्य बनाया है। अमरसिंह जाटव को एससी कल्याण समिति का सदस्य बनाया है। वीरेंद्र सिंह को राजकीय उपक्रम समिति का और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है।
वर्तमान सियासी हालातों में इन समितियों में पायलट गुट के विधायकों को अहम जिम्मेदारियां मिलने से संदेश गया है कि पार्टी आलाकमान राजस्थान के सियासी मसलों का हर हाल में समाधान चाहता है। यानी कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार और पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट में भी पायलट गुट को तवज्जो मिल सकती है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI WWW.NEWSFASTWEB.COM