अपर सेशन न्यायाधीश संख्या सात ने आठ वर्ष पुराने मामले में दिया दण्डादेश
प्रेम प्रसंग से जुड़ा छतरगढ़ थाने का है प्रकरण
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। करीब आठ वर्ष पुराने हत्या के एक प्रकरण में अपर सेशन न्यायाधीश संख्या सात- श्वेता शर्मा ने अभियुक्त को आजीवन कारावास का दण्डादेश दिया है। साथ ही अभियुक्त पर दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर अभियुक्त को तीन माह का साधारण कारावास मूल सजा के साथ भुगतने का दण्डादेश दिया गया है।
लोक अभियोजक वाहिद अली ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि इस प्रकरण की दस दिसम्बर, 2014 को छतरगढ़ थाने में परिवादी अतु खां की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अभियुक्त शौकत पुत्र अल्लादिता निवासी एआरएम, खारवाली, पीएस छतरगढ़ पर घर में घुस कर युवती बशीरा की हत्या करने के आरोप लगे थे। प्रकरण की ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाहों के बयान न्यायालय में करवाए गए। साथ ही प्रकरण से जुड़े 38 दस्तावेजात न्यायालय में पेश किए गए।
अभियुक्त शौकत पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा-450, 302 के तहत अपर सेशन न्यायाधीश संख्या सात- श्वेता शर्मा ने अलग-अलग दण्डादेश दिया। अभियुक्त दोनों सजाएं एक साथ भुगतेगा।
यह था प्रकरण
चक 8 एआरएम, खारवाली निवासी अतु खां की ओर से छतरगढ़ थाने में दी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि उसकी बेटी बशीरा की शादी लदू खां के साथ हुई थी। शादी के दस-बारह वर्ष बाद उसकी बेटी और दामाद के बीच मनमुटाव हो गया था, जिसकी वजह से बशीरा अपने मायके में आकर रह रही थी। न्यूजफास्ट वेब 10 दिसम्बर, 2014 की शाम करीब सात-साढ़े सात बजे बशीरा घर में बने छपरे में गाय को संभालने गई थी। उस दौरान वह, उसकी पत्नी करमा व उसका बेटा माहरम खां कमरे में मौजूद थे। तभी बशीरा की चीख सुनाई दी। उन्होंने मौके पर पहुंच कर देखा तो उनके पड़ौस में रहने वाला रिश्तेदार शौकत उनकी बेटी बशीरा को जमीन पर पटक कर छुरी से उसका गला रेत रहा था। उनको देखते ही शौकत मौके पर से भाग छूटा। उन्होंने जमीन पर गिरी बशीरा को संभाला तब तक उसकी सांसें थम चुकी थी।
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