तीन बार शिकायत दर्ज कराने के बाद आज भी हालात जस के तस
कैसे माना जाए कि प्रदेश में है संवेदनशील सरकार और जवाबदेह प्रशासन
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com
बीकानेर। गहलोत सरकार की सम्पर्क हेल्पलाइन की जमीनी हकीकत इन दिनों सामने आ रही है। सम्पर्क हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के तुरंत निस्तारण कर आमजन को राहत देने के दावे रोजाना शासन और प्रशासन की तरफ से किए जाते रहे हैं लेकिन हकीकत इससे बहुत परे दिखाई दे रही है।
दरअसल, फड़बाजार में गंदगी पसरी होने की शिकायत पीडि़त दुकानदार ने 2 अप्रेल को सम्पर्क हेल्पलाइन-181 पर दर्ज कराई थी, जिसका परिवाद क्रम-032305215006096 दिया गया। कई दिनों तक इंतजार करने के बाद भी जब दर्ज शिकायत का निस्तारण नहीं हुआ तो पीडि़त ने 18 अप्रेल को सम्पर्क हेल्पलाइन पर फिर से गंदगी पसरे होने की शिकायत दर्ज कराई गई, जिसका परिवाद क्रम-032305215039198 दिया गया। इस पर संवेदनशील शासन और जवाबदेह प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया और फड़बाजार में दुकानदारों के साथ वहां खरीददारी करने के लिए जाने वाले ग्राहकों को गंदगी से परेशान होते रहे।
चार दिनों तक शासन और प्रशासन के नकारेपन और गंदगी से परेशानी झेलने के बाद पीडि़त ने फिर से 22 अप्रेल को सम्पर्क हेल्पलाइन-181 पर अपनी पुरानी शिकायत दर्ज कराई, जिसका परिवाद क्रम-032305215039198 दिया गया। इस शिकायत के दर्ज हुए आज 6 दिन बीत गए लेकिन फड़बाजार में समस्या और भी बढ़ती गई। अब फड़बाजार में हालात इतने बदहाल हो गए हैं कि वहां गंदगी के ढेर लग गए हैं। चौबिसों घंटें दुर्गन्ध फैली रहती है। जिसकी वजह से ना तो वहां दुकानदार टिक पा रहे हैं और ना ही ग्राहक वहां जाने की इच्छा जता रहे हैं।
पीडि़त दुकानदार बताते हैं कि सबसे पहले यहां गंदगी के ढेर उठाने के लिए क्षेत्र के जमादार को कहा गया लेकिन उसने अनसुनी कर दी। फिर वहां आने वाले सफाईकर्मियों को कचरा नहीं डालने का निवेदन भी किया गया लेकिन उन्होंने भी अपनी मजबूरियां बताकर कचरा फेंकना निरन्तर जारी रखा। इससे परेशान हुए तो मुख्यमंत्रीजी के संवेदनशील सरकार और जवाबदेह प्रशासन होने के दावे याद आए। इन दावों पर गर्व करते हुए सरकार के सम्पर्क हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायतें दर्ज कराईं लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। ऐसे में आमजन अपनी पीड़ा किसके सामने सुनाए।