मीडिया के सामने जाहिर किए कॉलोनी के हालात
यूआइटी प्रशासन की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
बीकानेर। यूआइटी की ओर से बसाई गई स्वर्ण जयन्ती कॉलोनी के लोग आज आठ वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर हैं। कॉलोनी के बाशिन्दों ने कॉलोनी के बदहाल हालातों को मीडिया के सामने जाहिर करते हुए समाधान करवाने की उम्मीदें लगाई हैं।
कॉलोनी में रह रहे लोगों के अनुसार यूआइटी की इस कॉलोनी में सबसे बड़ी समस्या पेयजल की सप्लाई नहीं होना है। कहने को तो यूआइटी की ओर से स्वर्ण जयंती कॉलोनी में दो ट्यूब वैल खुदवाए गए हैं। लेकिन इन ट्यूब वैल का पानी प्रधानमंत्री आवासीय योजना में बने तकरीबन 11 सौ फ्लैट्स में देने की बात कही जा रही है। ऐसी स्थिति में स्वर्ण जयंती कॉलोनी में रह रहे लोगों को पेयजल कहां से उपलब्ध होगा। हालांकि क्षेत्र में काफी पहले से ही पाइप लाइन बिछा दी गई है लेकिन आज तक उनमें पानी का प्रवाह शुरू नहीं किया गया है। क्षेत्र के लोग आज भी अपने घरों में टैंकर के जरिए पानी डलवा रहे हैं।
क्षेत्रवासियों के अनुसार वर्ष, 2013 में यूआइटी ने ये कॉलोनी कॉटी थी, तब से आज तक इस कॉलोनी में ना तो सड़कें बनी हैं और ना ही पेयजल की आपूर्ति शुरू हुई है। सैकड़ों लोगों के घरों वाली इस कॉलोनी में डेढ़ वर्ष पहले सीवर लाइन बिछाने के लिए सर्वे किया गया था, लेकिन आज तक सीवर लाइन नहीं डाली गई है। इतना ही नहीं यहां पर गंदे पानी की निकासी के लिए नालियां भी नहीं बनाई गई हैं। इस कॉलोनी में भूखण्ड खरीद कर अपना आशियाना बनाकर रह रहे लोगों को जीवन यापन करने में मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com