दस दिनों तक मां शक्ति की अलग-अलग स्वरूपों में होगी आराधना
बीकानेर। माघ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानि पांच फरवरी मंगलवार से राजयोग द्विपुष्कर योग व व्यातिपात पुण्यम योग में गुप्त नवरात्र शुरू होंगे। गुप्त साधना करने वाले साधक प्रात: शुभ मुहूर्त में घट स्थापना कर मां दुर्गा की आराधना करेंगे।
पंडितों के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्र में तीन योगों का आना और द्वितीया तिथि वृद्धि होना देश व राज्य के लिए सुख-समृद्धि में वृद्धि करने वाला रहेगा। तिथि में वृद्धि होने से गुप्त नवरात्र पर्व दस दिनों तक चलेंगे, जिसमें आदि शक्ति दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। तंत्र-मंत्र से साधना करने वाले लोग नवरात्र में सिद्धि प्राप्ति के लिए नौ दिनों तक मां भगवती-भवानी के अलग-अलग स्वरूपों की आराधना करेंगे। कलश स्थापना से शुरू हुए देवी आराधना के इस पर्व का समापन 15 फरवरी को होगा।
वर्ष में आते हैं चार नवरात्र
हिन्दू पंचांग के अनुसार साल में चार बार नवरात्र पड़ते हैं। इनमें दो दृश्य व दो गुप्त आते हैं। चैत्र एवं आसोज मास में आने वाले नवरात्र की सभी को जानकारी होती है। इसके चलते सभी लोग इन नवरात्र को मनाते हैं, जबकि माघ व आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्र के बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी नहीं हाने से लोग इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। इस नवरात्र में बहुत से साधक विभिन्न तंत्र विद्याएं सीखने के लिए मां की साधना में लीन होते हैं।
दस महाविद्याओं की साधना
पंडितों ने न्यूजफास्ट वेब को बताया कि देवी भागवत के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या तंत्र साधना के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धू्रमावती, माता बगलामुखी, मातंगी व कमला देवी की विशेष पूजा करते हैं।