दिल्ली, मुम्बई के चिकित्सकों के नाम से जारी पेम्फ्लेट के जरिए किया जा रहा दुष्प्रचार
बीकानेर। एक तरफ तो सरकार वैक्सीन लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे हैं जो वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए सोशल मीडिया पर भ्रांति फैला रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
न्यूजफास्ट वेब के पास आए एक डिजीटल पेम्फ्लेट ये इस बारे में जानकारी मिली कि किस प्रकार कुछ असामाजिक तत्व इस महामारी के दौरान भी अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। इस डिजीटल पेम्फ्लेट में दिल्ली, मुम्बई, नागपुर और औरंगाबाद के चिकित्सकों की ओर से वैक्सीन लगवाने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में कहा गया है। जिसमें नपुसंकता, कैंसर जैसे रोग होने की आशंका जताई गई है। इतना ही नहीं इस पेम्फ्लेट में सरकार व वैक्सीन निर्माता कंपनियों को सिर्फ व्यापार बढ़ाने के बारे मेें कहा गया है। सरकार पर दवा निर्माता कंपनियों से रिश्वत लेकर उनके व्यापार में बढ़ोतरी करने के आरोप लगाए गए हैं।
कोरोना महामारी को सरकार और दवा कंपनियों का झूठ बताते हुए किसान आन्दोलन और नेताओं की रैलियों का उदाहरण देते हुए महामारी नहीं होने की बात कही गई है।
कुल मिलाकर इस प्रकार के दुष्प्रचार का समाज पर काफी असर भी पड़ सकता है। क्योंकि वर्तमान में लोग सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट पर काफी भरोसा करते हैं। असामाजिक तत्वों की यह करतूत लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। सोशल मीडिया पर इस प्रकार की भ्रामक जानलेवा जानकारी देने वाली पोस्ट्स वायरल करने वालों के खिलाफ पुलिस और संबंधित अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही लोगों को अपने स्वविवेक से काम लेते हुए इस प्रकार के दुष्प्रचार पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
वैज्ञानिकों ने इन वैक्सीन को पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर बताया है। विश्व के दर्जनों देशों में इस वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है।
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com