सचिन पायलट के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी

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The differences between Gehlot-Pilot group are not over yet, new case has surfaced
file photo

कांग्रेस विधायकों की बैठक में प्रस्ताव पारित

विधायकों की मांग, पार्टी को कमजोर करने के लिए षडय़ंत्र रचने वाले विधायकों के खिलाफ हो कार्रवाई

बीकानेर। प्रदेश में सियासी ड्रामे के बीच अब उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के खिलाफ सख्त एक्शन करवाने की मांग उठ गई है। कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है। जिसके बाद राजनीतिक पंडित मानने लगे हैं कि पार्टी सचिन पायलट के खिलाफ कड़ा फैसला ले सकती है।

राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव में लिखा गया है कि विधायकों ने मांग की है कि कांग्रेस सरकार या पार्टी को कमजोर करने के लिए षडय़ंत्र रचने वाले विधायकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि प्रदेश में रविवार से ही सियासी ड्रामा जारी है। सचिन पायलट के बागी तेवरों के बाद गहलोत की सरकार संकट में आ गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। बैठक में कांग्रेस के करीब 109 विधायक पहुंचने के दावे पार्टी नेताओं की ओर से किए गए। विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों को जयपुर-दिल्ली हाइवे पर बने होटल में शिफ्ट किए जाने की सूचना मिली है।

इधर, कहा ये भी जा रहा है कि पार्टी की ओर से सचिन पायलट को मनाने की लगातार कोशिशें जारी हैं। कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने वहां की मीडिया से कहा कि सचिन पायलट को मनाने की आखिरी कोशिश जारी है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस संकट को खत्म करने के लिए मोर्चा संभाल लिया है। प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी सहित 5 बड़े नेताओं ने पायलट से बात कर उन्हें समझाने की कोशिश की है। इससे पहले राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला सचिन पायलट को समझाने का प्रयास कर चुके हैं।

इसी सियासी ड्रामे के दूसरे सीन में गहलोत खेमे ने दावा किया है कि उनके पास 109 विधायक हैं। यानी बहुमत के आंकड़े 101 से ज्यादा विधायक उनके पास हैं। जबकि सचिन पायलट का कहना है कि उनके पास 25 विधायक हैं। दरअसल, सचिन पायलट राजस्थान सरकार में गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय अपने गुट के मंत्रियों के पास चाहते हैं। उनकी इच्छा है कि ये दोनों मंत्रालय सचिन पायलट के आधिपत्य में रहें। इस पर अशोक गहलोत की सहमति का इंतजार किया जा रहा है।

वहीं प्रदेश सरकार के संकट पर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव ओम माथुर का कहना है कि अपनी ही पार्टी के लोगों की कांग्रेस जांच करा रही है। मतलब साफ है कि चिंगारी को दबाने के लिए बीजेपी का नाम लिया जा रहा है।

#Kamal kant sharma/ Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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