निर्दलियों के साथ बैठाया गया
सीएम के पास थी धारीवाल की कुर्सी
बीकानेर। सचिन पायलट सब कुछ भुलाकर भले ही कांग्रेस के साथ लौट आए हैं, मगर विधानसभा में आज उनके साथ जो हुआ है, उससे जरूर राजनीतिक बखेड़ा खड़ा हो सकता है।
सचिन पायलट गुट के कांग्रेस में मिलन के बाद आज विधानसभा का अहम सत्र शुरू हुआ, लेकिन विधानसभा के अंदर सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को सीट न मिल सकी। लिहाजा उन्हें गैलेरी में अलग से कुर्सी लगाकर बैठाया गयाए जो विवाद की जड़ बन सकती है।
दरअसल, हुआ यूं कि विधानसभा में सचिन पायलट की सीट को बदल दिया गया है। जब वह उपमुख्यमंत्री पद पर थे तो उनकी सीट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बगल में थी। लेकिन बगावती रुख दिखाने के बाद कांग्रेस ने उनसे सभी पदों को छीन लिया। अब सचिन पायलट को विधानसभा में निर्दलीय विधायकों के साथ बैठाया गया। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के लिए पीछे गैलेरी में कुर्सी पर लगाई गई।
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक इसके बाद ऐसी भी चर्चाएं होने लगी हैं कि यह सब जानबूझकर किया गया है। एक सोची-समझी रणनीति के तहत ही सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को अलग-थलग किया गया। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल वाली सीट पर सचिन पायलट की बैठने की व्यवस्था की गई। इसके अलावा पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की सीट को भी बदल दिया गया। जबकि मंत्री शांति कुमार धारीवाल को अशोक गहलोत के बगल वाली सीट मिली है।
सूत्रों ने बताया कि इस पर सचिन पायलट ने कहा है कि ‘मैं आज सदन आया तो देखा कि मेरी सीट पीछे लगी हुई है। मैं आखिरी कतार में बैठा हुआ हूं। मैं राजस्थान से आता हूं जो कि पाकिस्तान बॉर्डर पर है। सरहद पर सबसे मजबूत सिपाही तैनात किया जाता है। मैं जब तक यहां बैठा हूं, सरकार सुरक्षित है। इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो कवच और ढाल बनकर रहूंगा।’ उन्होंने कहा, ‘जिस डॉक्टर को नब्ज दिखाना था, जहां नब्ज दबानी थी, वहां दिखा दिया। अब गदा और कवच लेकर सरकार को सुरक्षित रखेंगे।’
#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com