पिक ऑवर्स में एक्सचेंज से भी नहीं हो पा रही व्यवस्था
तकनीकी खामी के कारण कई पॉवर प्लांट अभी हैं बंद
बीकानेर। प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है। सोलर, विंड, थर्मल के साथ ही खरीद से भी बिजली की डिमांड के अनुसार बिजली की उपलब्धता नहीं हो पा रही है। जिसके चलते अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। पिक ऑवर्स में तो ज्यादा दाम देने के बावजूद भी बिजली नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते गांवों में 2 से ज्यादा घंटों की बिजली कटौती की जा रही है। वहीं शहरी क्षेत्रों में डेढ़ घंटे तक बिजली काटी जा रही है।
बिजली की डिमांड उच्चतम स्तर पर पहुंची है। पिक ऑवर्स में तो ज्यादा दाम पर भी बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में शहर और गांवों में 2 घंटे तक बिजली कटौती की जा रही है। प्रदेश में 3 इकाईयां बंद होने से बिजली नहीं मिल पा रही है। केंद्र सरकार और प्राइवेट इकाईयों में भी तकनीकी खामी से बिजली नहीं मिल पा रही है। प्रदेश में बढ़ते तापमान के कारण एसी कूलर भी फेल हो रहे हैं। दिन का तापमान कई शहरों में 46 डिग्री पार तक पहुंच गया है। ऐसे में बिजली कटौती से लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
डिमांड के अनुरूप बिजली नहीं मिलने से ऊर्जा विकास निगम के आदेश से पिछले 7 दिन से लोड शेडिंग यानी फीडर काटे जा रहे हैं। इसमें 220 केवी से लेकर 132 केवी और 33 केवी के जीएसएस शामिल हैं। ये सभी 40 मिनट से 2 घंटे के लिए बंद किए गए। प्रदेश में भीषण गर्मी के साथ ही बिजली की डिमांड बढ़ गई है। 18 मई को प्रदेश में 3467.16 लाख यूनिट की डिमांड रही।
जानकारी के अनुसार सभी स्रोतों से 3404 लाख यूनिट ही बिजली की उपलब्धता हो पाई। इसमें सोलर, विंड, थर्मल और बिजली की खरीद भी शामिल है। महंगे दाम पर भी बिजली नहीं मिल पा रही है। ऐसे में लोगों की परेशानी बढ़ी है। पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। 7 दिन से 220 केवी के फीडर काटे जा रहे हैं। 1500 मेगावाट बिजली की कमी हो रही है।
उत्पादन निगम के छबड़ा और कालीसिंध पावर प्लांट तकनीकी कारणों के चलते बंद है। इस महीने के आखिरी तक ही ये चालू हो पाएंगे। इससे 850 मेगावाट बिजली की उपलब्धता कम हुई। बरसिंगसर लिग्नाइट आधारित प्लांट भी बंद हुआ। तकनीकी खामी के चलते प्लांट बंद हुआ। वहां से भी 125 मेगावाट बिजली मिलना बंद हुआ। जिंदल पावर प्लांट की 3 यूनिट भी बंद हुई। तकनीकी खामी के चलते प्लांट बंद हुआ। ऐसे में 405 मेगावाट बिजली मिलना बंद हुआ। इससे प्रदेश में अचानक बिजली उपलब्धता में दिक्कत हुई। पिछले साल की तुलना में बिजली की डिमांड बढ़ी है। पिछले साल 18 मई को 2840 लाख यूनिट बिजली की डिमांड थी। इस साल ये बढक़र 3200 लाख यूनिट पहुंची। 1 मई से अब तक एवरेज 500 लाख यूनिट डिमांड ज्यादा है। पिछले साल तूफान के चलते भी मौसम ठंडा था।
#KAMAL KANT SHARMA / BHAWANI JOSHI www.newsfastweb.com