पीबीएम में मुस्तैद रहने वाले समाजसेवी नहीं आए आगे, पीबीएम प्रशासन भी बेखबर
बीकानेर। कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन व चिकित्सा महकमा दिन रात एक किए हुए है। लेकिन पीबीएम अस्पताल में आने वाले दूसरे मरीजों की सुध कोई नहीं ले रहा है।
असहाय मरीज अपने इलाज का इंतजार करते पीड़ा भोगते रहते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा आज पीबीएमअस्पताल में देखने को मिला जहां एक वृद्धजन करीब तीन घंटे से ज्यादा देर तक अपने इलाज के लिए पीबीएमअस्पताल में भर्ती का इंतजार करता रहा। मंजर ये था कि पीबीएमकी चौखट पर पड़ा यह वृद्ध मरीज वहां आने-जाने वालों के लिए तमाशा बना रहा किन्तु इसे पीबीएममें भर्ती करवाने की जहमत किसी ने नहीं उठाई। कोरोना संक्रमण के डर के चलते किसी व्यक्ति ने इसको पीबीएम में भर्ती करवाना मुनासिब नहीं समझा।
वहीं पीबीएम अस्पताल के कार्मिकों ने भी इस वृद्ध मरीज पर ध्यान नहीं दिया। हैरानी की बात तो यह है कि पीबीएमअस्पताल में समाजसेवा का दावा कर समाचार पत्रों में अपनी फोटो खिंचवाने वाले समाजसेवकों को भी यह वृद्ध रोगी नजर नहीं आया। आज तक मानवता को शर्मसार करने वाली ऐसी घटना पहली बार देखने में आई है।
शहर के एक सजग नागरिक मनोज मोदी ने बताया कि वे आपातकाल गए थे तब उन्होंने वहां पीबीएमअस्पताल भवन के मुख्य दरवाजे के बाहर यह अनजान शख्स पड़ा मिला था। करीब दो घंटे बाद वे फिर आए तो यह शख्स उन्हें वहीं पड़ा मिला। ऐसे में पीबीएमकार्मिकों की ओर से इसका इलाज न करना लापरवाही को दर्शाता है। मोदी ने पीबीएम प्रशासन को इस शख्स का सही तरीके से इलाज करवाने की मांग की है।
Kamal kant sharma and Bhawani joshi newsfastweb.com