नोखा के सुरपुरा गांव में जोहड़ पायतन की जमीन पर कब्जे !

0
412
Occupation of Johad Paytan's land in Surpura village of Nokha!

रसूखदारों और सरकारी तंत्र की मिलीभगत के आरोप

बीकानेर। नोखा तहसील के सुरपुरा गांव में जोहड़ पायतन की जमीन पर कब्जे करने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में गांव के रसूखदारों और पंचायत अधिकारियों के मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले की उच्च अधिकारियों से शिकायत किए जाने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

क्षेत्र के जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र द्वारा चेतावनी दी है कि अगर जल्दी ही जोहड़ पायतन की जमीन को कब्जामुक्त नहीं करवाया तो छह जून को सीएम आवास के सामने धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
क्षेत्र के जागरूक लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत सुरपुरा में सार्वजनिक जोहड़ पायतन व गोचर भूमि खसरा संख्या-1107/689 को तोड़-मरोड़ व खुर्दबुर्द कर नोखा तहसील के अधिकारियों से मिलीभगत कर कब्जे करवा दिए गए हैं। जिसकी कई वर्ष पहले लिखित में शिकायत की गई। मामला न्यायालय तहसीलदार (राजस्व) नोखा में भी गया। वहां अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी हुए लेकिन भ्रष्ट सरकारी तंत्र और राजनीतिक रसूखदारों की मिलीभगत से कब्जे आज भी कायम हैं।

गांव के बाशिन्दों ने बताया कि मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के जरिए उन्हें अवगत कराया गया है कि वर्ष, 2018-2019 के पहले रकबा 1107/689 को रिकॉर्ड किया जाए, क्योंकि इसके बाद में जब रिकॉर्ड ऑनलाइन किया गया था तब वहां नियुक्त प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक रसूखदारों ने मिलीभगत कर नक्शे से छेड़छाड़ कर अपनी सुविधा अनुसार दस्तावेज तैयार कर फीडिंग कर दी और जोहड़ पायतन व गोचर की जमीन को आबादी क्षेत्र दर्शा दिया।


क्षेत्रवासियों के अनुसार ग्राम पंचायत सुरपुरा में करीब 148 जॉब कार्ड फर्जी बनाए गए थे। इन फर्जी जॉब कार्ड के जरिए 16 दिसम्बर, 2021 से 31 दिसम्बर, 2021 में स्वीकृत कार्य में फजर््ी श्रमिकों को नियोजित कर, पूरे पखवाड़े में फजर््ी हाजिरी लगा कर, फर्जी पैमाइश करवाकर भुगतान उठाया गया। साजिश रच कर कुटरचित दस्तावेज बनाकर नोखा में एक राष्ट्रीय बैंक में खाते खोले गए। जिसकी शिकायत ऊपर तक लिखित में की गई। इस मामले को लेकर पहले दो बार विकास अधिकारी ने जांच कमेटी भी बनाई लेकिन आज तक कोई जांच नहीं की गई। अब गांव के जागरूक लोगों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से न्याय की उम्मीद लगाई है।

न्यायालय तहसीलदार (राजस्व) के आदेश की पालना भी नहीं


अभी हाल ही में जालौर जिले ओडवाड़ा गांव में चारागाह की जमीन पर से कब्जे हटाए जाने की कार्रवाई हाई कोर्ट के आदेश पर की गई थी। लेकिन बीकानेर जिले के अधिकारी न्यायालय के आदेश की अवमानना करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। सुरपुरा गांव में जोहड़ पायतन की जमीन पर कब्जे का मामला न्यायालय तहसीलदार (राजस्व) नोखा में पहुंचा। जिस पर सुनवाई के दौरान हलका पटवारी सुरपुरा की ओर से रकबा 0.006 हैक्टेयर किस्म गैरमुमकिन गोचर व जोहड़ पायतन पर अनाधिकृत कब्जा किए जाने की रिपोर्ट पेश की गई।

न्यायालय तहसीलदार (राजस्व) नोखा ने 11 सितम्बर, 2018 के अपने निर्णय में माना कि ग्राम सुरपुरा के खसरा नम्बर 679 तथा 1107/689 में कुल रकबा 0.006 हैक्टेयर पर अनाधिकृत कब्जा मानते हुए आरोपी को मौके से भौतिक रूप से बेदखल करने, आरोपी द्वारा अतिक्रमण कर निर्मित पक्का व कच्चा मकान को राज के कब्जे में लेने तथा अतिक्रमी पर जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया था।
जागरूक लोगों ने बताया कि तहसीलदार राजस्व नोखा के इस आदेश के बाद भी रसूखदार अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। आज भी जोहड़ पायतन की जमीन पर कब्जे जस के तस हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here